INDIA-CHINA CLASH: Imports From China Can Be Restricted Fee May Be Applicable On 1200 Products
बिजनेस, न्यूज डेस्क: भारत चीन से हो रहे मुक्त व्यापार पर लगाम लगाने जा रहा है। चीन से आयात होने वाले 1200 से अधिक सामानों पर आयात शुल्क बढ़ने जा रहा है। साथ ही सरकार अब किसी भी चीनी वस्तु को मार्केट के जरिए नहीं खरीदेगी।
सूत्रों के अनुसार वाणिज्य मंत्रालय ने 1200 वस्तुओं की सूची बना ली है। इनमें कोई आवश्यक वस्तु नहीं है सरकार का मानना है, फैसले से चीनी सामान कुछ महंगा हो सकता है लेकिन इसका लाभ भारतीय उद्योगों को मिलेगा, खासतौर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को। खाद्य उपभोक्ता मंत्रालय ने निर्देशित किया है कि सरकारी ई-मार्केट (जेम) में कोई चीनी सामान न खरीदें। पिछले वर्ष जैन ने 40,000 करोड़ का कारोबार किया था। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी वित्त मंत्रालय से सिफारिश की है कि चीन से आयातित सोलर मॉड्यूल और सोलर सेल्स पर एक अगस्त से सोलर मॉड्यूल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 25 प्रतिशत और सोलर सेल्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15 प्रतिशत की जाए।
निर्यात से अधिक आयात
तीन दशकों के दौरान हमारा चीन को निर्यात 30% की दर से बढ़ा है। जबकि आयात 45% की दर से इसी वजह से हमारा व्यापार घाटा भी लगातार बढ़ता गया है। 2019-20 के दौरान हमने चीन से 65.1 अरब डॉलर का आयात किया। जबकि इसी दौरान चीन को सिर्फ 16.6 अरब डॉलर का निर्यात किया गया। इसका अर्थ है कि 1 वर्ष में भारत चीन व्यापार में 48.5 अरब डॉलर का व्यापारिक असंतुलन रहा।
दवा, ऑटो, टेलीकॉम में आयात पर निर्भर
पिछले वर्ष चीन से 4.2 अरब डॉलर के ऑटो पार्ट्स आयात हुए और 2.6 अरब डॉलर का दवा उद्योग का कच्चा सामान। अनुमान है कि आयात शुल्क बढ़ाकर आयात में 20 से 25% तक संभव है। दवा उद्योग, ऑटो कॉम्पोनेंट, टेलीकॉम और सोलर उपकरणों में 70 प्रतिशत से अधिक उत्पादन चीन पर निर्भर है। ऑटो, कॉम्पोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के महानिदेशक विनी मेहता ने फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है।
कई उद्योगों पर असर...
अधिकतर मोबाइल या उनके पार्ट चीनी चीन से बनकर आते हैं। पेरासिटामोल जैसी दवाएं भी चीन से आयात की जा रही हैं। सस्ते आयात से लुधियाना का होजरी उद्योग, साइकिल उद्योग, फिरोजाबाद का कांच उद्योग, मुरादाबाद का पीतल उद्योग और बनारस में रेशमी साड़ी उद्योग में प्रभावित हुए हैं। केंद्रीय कस्टम और एक्साइज बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुदीप्तो दत्त मजूमदार कहते हैं कोई भी ऐसा फैसला लेने से पहले हमें वे सामान बनाने शुरू करने होंगे।
चीन का दावा, राष्ट्रवाद के कारण भारत गंवा बैठेगा 30% कारोबार
चीन का दावा है कि हाल के दिनों में भारत में बढ़ते राष्ट्रवाद के कारण आर्थिक क्षेत्र में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। चीन के सरकारी मीडिया की ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, कोरोना महामारी के बीच भारत का यह कदम इस साल चीन के साथ उसके कारोबार में 30 फीसदी की कमी ला सकता है।
दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ती अनिश्चितता के कारण भारत में चीन के निवेशक नए सिरे से निवेश पर विचार कर सकते हैं और उन्हें भारत में बढ़ते राष्ट्रवाद को लेकर पूरी तरह सतर्क हो जाना चाहिए। गलवां घाटी में दोनों देश के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद भारतीय राजनेताओं और मीडिया ने वहां के नागरिकों में राष्ट्रवाद की भावना भड़काने में कसर नहीं छोड़ी है। भारतीयों में चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की मुहिम के साथ ही वहां के बंदरगाह पर 22 जून के बाद से ही चीन से पहुंचने वाले कार्गो की अतिरिक्त कस्टम जांच की जाने लगी है। सैनिकों के संघर्ष से पहले भारत ने विदेशी निवेश की सघन जांच की घोषणा की थी। जिसे चीनी कंपनियों के अधिग्रहण को रोकने का कदम माना जा सकता है।