` अमरिंदर ने एसजीपीसी को अपने खजाने से 20 डॉलर सेवा शुल्क अदा करने कहा

अमरिंदर ने एसजीपीसी को अपने खजाने से 20 डॉलर सेवा शुल्क अदा करने कहा

Amarinder asks SGPC to pay $ 20 service fee from his treasury share via Whatsapp

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इंडिया न्यूज़ सेंटर, चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) से गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्र के लिये पाकिस्तान द्वारा लिये जा रहे 20 डॉलर का सेवा शुल्क अपने खजाने से अदा करने को कहा है। अमरिंदर ने बुधवार को इसके लिये यह तर्क दिया कि करतारपुर गलियारा शुरू होने के बाद से बहुत कम संख्या में श्रद्धालु वहां जा पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाश वर्ष को मनाने के लिये मंगलवार को सुल्तानपुर लोधी में अलग कार्यक्रम आयोजित करने पर एसजीपीसी के अकूत खर्च करने का जिक्र करते हुए कहा कि यह दृष्टांत है कि धार्मिक संस्था (एसजीपीसी) के पास प्रचुर मात्र में धन है।उन्होंने कहा कि कम संख्या में श्रद्धालुओं का गुरुद्वारा दरबार साहिब जाना रूचि में कमी के चलते नहीं है बल्कि दो शर्तों के चलते हैं. पासपोर्ट और 20 डॉलर शुल्क, जिसे पड़ोसी देश ने लगाया है। अधिकारियों ने बताया कि करतारपुर गलियारा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नौ नवंबर को उद्घाटन किये जाने के बाद प्रथम तीन दिनों में महज 897 श्रद्धालु ही वहां (पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा) जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिखों के शीर्ष धार्मिक संगठन एवं प्रचुर मात्र में नकदी रखने वाले एसजीपीसी को कम से कम ‘पीला कार्ड धारकों’ का सेवा शुल्क वहन करना चाहिए। ये ऐसे श्रद्धालु हैं जो गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करते हैं और वे यह शुल्क वहन नहीं कर सकते। श्रद्धालुओं के बीच भ्रम की स्थिति की खबरों के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने दोनों देशों, भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों से करतारपुर गलियारा के जरिये यात्र के लिये पासपोर्ट की शर्त में छूट देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे अन्य पहचान पत्रों को भी स्वीकार किया जाना चाहिए। एसजीपीसी को आड़े हाथ लेते हुए सिंह ने कहा कि अपने अहम को पूरा करने के लिये धन खर्च करने और इस धार्मिक मौके के मार्फत राजनीतिक हित साधने के बजाय उसे यह राशि श्रद्धालुओं की मदद के लिये खर्च करना चाहिए। उन्होंने कहा,‘एसजीपीसी और उनके राजनीतिक आका, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और खासतौर पर बादल परिवार समुदाय के वास्तविक हित के लिये धन क्यों नहीं खर्च करते। उल्लेखनीय है कि गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व के संयुक्त समारोहों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस नीत पंजाब सरकार और एसजीपीसी के बीच तरकार रही।

 

 

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Source: Indianewscentre

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