` आखिरकार झारखंड में टूट गई भाजपा और आजसू की 20 साल पुरानी दोस्ती
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आखिरकार झारखंड में टूट गई भाजपा और आजसू की 20 साल पुरानी दोस्ती

BJP and AJSU 20-year-old friendship finally broken in Jharkhand share via Whatsapp

BJP and AJSU 20-year-old friendship finally broken in Jharkhand


इंडिया न्यूज़ सेंटर :  झारखंड गठन के साथ वर्ष 2000 में  बने भाजपा और आजसू गठबंधन की राहें अलग हो गईं। आजसू ने एक सीट से यात्रा शुरू की थी। बिहार विधानसभा के लिए चुने गए आजसू के एक मात्र विधायक सुदेश कुमार महतो भाजपा सरकार में जुड़े। उसके बाद भाजपा की जितनी भी सरकारें बनी, आजसू सहभागी बनी रही। आजसू के साथ पिछले चुनाव में भाजपा का फूलप्रूफ गठबंधन बना था। भाजपा 72, आजसू आठ और एक सीट पर लोजपा लड़ी थी। भाजपा को 37 सीटें मिलीं। आजसू ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की और लोजपा एकमात्र पाकुड़ की सीट नहीं जीत पायी। भाजपा और आजसू गठबंधन की सरकार बनी। लेकिन झाविमो के छह विधायकों को तोड़कर भाजपा ने संख्या बढ़ा ली। 

 

कहां हुई जिच, क्यों टूटा गठबंधन

 

पांच साल में झारखंड की राजनीति में काफी उठा-पटक हुई। आजसू जिन सीटों पर 2014 में दूसरे स्थान पर या जीती हुई थी, उन्हीं सीटों पर उसने दावेदारी की। लेकिन बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकला। भाजपा आजसू के दावे को खारिज करती रही और आजसू अड़ी रही। चंदनकियारी पर आजसू ने दावेदारी का आधार 2009 और 2014 के परिणाम को बनाया। 2009 में उमाकांत रजक आजसू से जीते थे और 2014  में दूसरे स्थान पर रहे। उधर अमर कुमार बाउरी के झाविमो से जीतकर भाजपा में शामिल होने के कारण भाजपा ने इसे अपनी सीट माना। अमर बाउरी को लड़ाने के लिए भाजपा ने आजसू के दावे खारिज कर दिये। उसी तरह लोहरदगा में 2014 में आजसू के कमल किशोर भगत जीते थे। बाद में वह सजायाफ्ता हो गए। इस सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस के सुखदेव भगत जीते। भगत एक महीना पहले  भाजपा में शामिल हुए और उन्हें लोहरदगा से पार्टी के उम्मीदवार बनाने की तैयारी शुरू हुई। आजसू को इसके लिए भाजपा ने विश्वास में भी नहीं लिया।

प्रदेश में दोनों दलों में समन्वय का अभाव

भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने आजसू के साथ सीटों के तालमेल को लेकर रणनीति नहीं बनाई। दोनों के बीच समन्वय का अभाव दिखा। सब कुछ दिल्ली के भरोसे छोड़ दिया गया। दिल्ली ने झारखंड की जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर तालमेल के लिए आजसू को कोई तवज्जो नहीं दी।

कब-कब कितनी सीटें लड़ी

2005 विधानसभा

भाजपा-63 पर लड़ी, 30 सीटें जीती

आजसू -40 सीटों पर लड़ी, दो पर जीती

2009 विधानसभा

भाजपा- 67 सीट पर लड़ी, 18 सीटें जीती

आजसू- 54 सीट पर लड़ी, पांच सीटें जीती

2014 विधानसभा

भाजपा - 72 सीटों पर लड़ी, 37 पर जीती

आजसू-08 सीटों पर लड़ी, पांच जीती

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Source: indianewscenter

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