` कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल द्वारा पुलिस एक्ट में संशोधन करने की मंजूरी डी.जी.पी नियुक्ति के लिए आयोग होगा स्थापित

कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल द्वारा पुलिस एक्ट में संशोधन करने की मंजूरी डी.जी.पी नियुक्ति के लिए आयोग होगा स्थापित

CAPT AMARINDER LED PUNJAB CABINET APPROVES AMENDMENT TO POLICE ACT FOR SETTING UP COMMISSION FOR DGP APPOINTMENT share via Whatsapp

CAPT AMARINDER LED PUNJAB CABINET APPROVES AMENDMENT TO POLICE ACT FOR SETTING UP COMMISSION FOR DGP APPOINTMENT


इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने अदालत के दिशा -निर्देशों के मुताबिक राज्य के पुलिस प्रमुख का चयन करने के लिए स्टेट कमिशन की स्थापना के लिए पंजाब पुलिस एक्ट -2007 में संशोधन करने के लिए हरी झंडी दे दी है । एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल -2018 को विधानसभा के चल रहे सत्र के दौरान सदन में पेश किया जायेगा । ‘द पंजाब पुलिस एक्ट -2007’ 5 फरवरी, 2008 को अमल में लाया गया परन्तु इसमें केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी) द्वारा तैयार किये पैनल के अनुसार डी.जी.पी का चयन करने संबंधी उपबंध नहीं हैं । कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने डी.जी.पी की नियुक्ति के सम्बन्ध में एडवोकेट जनरल से राय माँगी थी । एडवोकेट जनरल अतुल नंदा की सिफारशों पर मंत्रीमंडल ने अदालती फ़ैसले की राह पर ‘पंजाब पुलिस एक्ट -2007’ की धारा 6,15,27,28 और 32 में संशोधन करने का फ़ैसला किया है । इस संशोधन से प्रकाश सिंह और अन्य बनाम भारत सरकार और अन्य (2006) 8 एस.एस.सी. 1(प्रकाश सिंह केस) में सुप्रीम कोर्ट की सिफारशों के मुताबिक डी.जी.पी की नियुक्ति की प्रक्रिया अपनाई जायेगी । राज्य सरकार ने इस महीने के शुरू में पंजाब पुलिस एक्ट -2007 में संशोधन करने का फ़ैसला किया है जिससे डी.जी.पी की नियुक्ति के लिए स्टेट पुलिस कमिशन की स्थापना की जा सके । इसी तरह 3 जुलाई, 2018 को सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की समीक्षा करने का भी फ़ैसला लिया गया जिसमें राज्य सरकारों की प्रस्तावों के आधार पर यू.पी.एस.सी की तरफ से गठित पैनल में से राज्यों को डी.जी.पी के लिए उम्मीदवारों का चयन करके नियुक्त करने का आदेश दिया गया था । मुख्यमंत्री ने श्री नंदा की सलाह को मंजूर किया था जिसके अंतर्गत अदालती दिशा -निर्देशों के साथ राज्य की सत्ता में केंद्र का दख़ल होगा क्योंकि भारतीय संविधान के उपबंधों के मुताबिक अमन-कानून प्रांतीय विषय है । प्रकाश सिंह केस में अदालत ने विभिन्न राज्यों को पुलिस सुधारों सम्बन्धित दिशा निर्देश जारी किये हैं । इसमें यह हिदायत की गई थी कि राज्य की पुलिस प्रमुख का चयन विभाग में काम कर रहे तीन सबसे सीनियर अधिकारियों में से की जाये जो कि यू.पी.एस.सी द्वारा उनकी तरफ से निभाया गया सेवाकाल का समय, अच्छा रिकार्ड और अनुभवों के आधार पर इस रैंक में तरक्की देने के लिए सूचीबद्ध किये गए हों । 3 जुलाई, 2018 की अदालती आदेशों में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को हिदायत की कि जब भी डायरैक्टर जनरल का पद खाली हो, उस पद पर सेवा निभा रहे अधिकारी की सेवामुक्ति की तारीख़ से कम से -कम तीन महीने पहले ही यू.पी.एस.सी द्वारा (2006) 8 एससी केस में फ़ैसले में दी हिदायतों के मुताबिक पैनल तैयार किया जायेगा जिसके राज्य द्वारा अपने पुलिस प्रमुख का चयन किया जाएगा । सर्वोँच्च अदालत ने अपनी हिदायतों में कहा कि इन दिशा -निर्देशों के उल्ट राज्य सरकारें या केंद्र सरकार द्वारा यदि कोई कानून /नियम बनाया जाता है तो यह उपरोक्त कथन को टालने का कार्य होगा । हालाँकि अदालत ने राज्यों को उपरोक्त हिदायतों के संशोधन के लिए अदालत तक पहुँच करने की छुट दी है ।

CAPT AMARINDER LED PUNJAB CABINET APPROVES AMENDMENT TO POLICE ACT FOR SETTING UP COMMISSION FOR DGP APPOINTMENT

OJSS Best website company in jalandhar
Source: INDIA NEWS CENTRE

Leave a comment






11

Latest post