` कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरन के लिए ‘पंजाब दिव्यांगजन शक्तिकरन’ योजना शुरू करेगी

कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरन के लिए ‘पंजाब दिव्यांगजन शक्तिकरन’ योजना शुरू करेगी

CAPT AMARINDER GOVT TO LAUNCH PUNJAB DIVYANGJAN SHAKTIKARAN YOJNA TO EMPOWER PERSONS WITH DISABILITIES share via Whatsapp

CAPT AMARINDER GOVT TO LAUNCH PUNJAB DIVYANGJAN SHAKTIKARAN YOJNA TO EMPOWER PERSONS WITH DISABILITIES


पहले चरण के अधीन मौजूदा योजनाओं को दी जायेगी मज़बूती


दूसरे चरण में 13 नयी योजनाएँ की जाएंगी शामिल


इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़:
दिव्यांग व्यक्तियों (पी.डब्ल्यू.डीज़) के सशक्तिकरन के लिए पंजाब मंत्रीमंडल की तरफ से बुधवार को एक नयी योजना -‘पंजाब दिव्यांगजन शक्तिकरन’ योजना (पी.डी.एस.वाई.) राज्य भर में चरणबद्ध ढंग से लागू करने की मंज़ूरी दे दी गई है। इस योजना के पहले चरण में मौजूदा प्रोग्रामों को मज़बूती देना शामिल है जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि इस योजना के लाभ दिव्यांगों तक और ज्यादा प्रभावशाली ढंग से पहुँचा जा सकें। इसके अलावा दूसरे चरण में ऐसे व्यक्तियों के सशक्तिकरन के लिए 13 अन्य नयी योजनाएँ बनाने का प्रस्ताव है।

इस सम्बन्धी फ़ैसला आज दोपहर यहाँ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई वर्चुअल कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से बनायी इस योजना का उद्देश्य सरकारी और सार्वजनिक केन्द्रित इमारतों, सार्वजनिक परिवहन और वेबसाइटों तक पहुँच बना कर दिव्यांग व्यक्तियों को चरणबद्ध ढंग से रुकावट रहित माहौल मुहैया करवाना है। इसके साथ ही दूसरे मुद्दों सम्बन्धी, पी.डी.एस.वाई. का लक्ष्य सरकारी नौकरियों में दिव्यांग व्यक्तियों के पदों के बैकलॉग को भरना है जिसको राज्य की रोजग़ार सृजन योजना को मंज़ूरी देते हुए मंत्रीमंडल के द्वारा पहले ही स्वीकृत कर लिया गया है। रोजग़ार सृजन विभाग अगले छह महीनों के दौरान दिव्यांग व्यक्तियों के रिक्त पदों को भरने पर और ज्यादा ज़ोर देगा।

योजना के लिए समूचे मार्गदर्शन और नीतिगत सहायता के लिए सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री के नेतृत्व वाले एक सलाहकार समूह के गठन का प्रस्ताव है जिसके सभी सम्बन्धी कैबिनेट मंत्री मैंबर होंगे। यह समूह न सिफऱ् स्कीम की कारगुज़ारी की समीक्षा करेगा, बल्कि ज़रूरत पडऩे पर सुधार के लिए सुझाव भी देगा।

सम्बन्धित प्रशासनिक विभाग अपनी सम्बन्धित वार्षिक योजनाओं के हिस्से के तौर पर इस योजना के अंतर्गत विभिन्न मौजूदा और नयी नीतियों को लागू करेंगे जिसके विवरण सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के पास जमा करवाने होंगे। विभाग दिव्यांग व्यक्तियों के विकास के लिए एक संगठित वार्षिक योजना तैयार करेगा जिसकी समीक्षा प्रमुख सचिव के नेतृत्व वाली योजना और निगरान कमेटी (पी.एम.सी.) की तरफ से जायेगी।

अंतर-विभागीय तालमेल और उन मसलों के हल के लिए जो स्कीम के लागू करने में रुकावट बन सकते हैं, मुख्य सचिव की अध्यक्षता अधीन एक राज्य स्तरीय संचालन कमेटी (एस.एल.एस.सी.) बनाई जायेगी जिसके सभी सम्बन्धित प्रशासनिक सचिव मैंबर होंगे। पहले चरण के अंतर्गत राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा चलाईं जा रही मौजूदा योजनाओं के लाभ सभी योग्य दिव्यांग व्यक्तियों (पी.डब्ल्यू.डी.) को प्रदान करने पर केन्द्रित होगा। राज्य में सभी दिव्यांग व्यक्तियों तक पहुँच करने का लक्ष्य है जिससे जीवन के हर क्षेत्र में स्वास्थ्य संभाल, शिक्षा, रोजग़ार, सुरक्षा और मान-सम्मान सम्बन्धी सेवाओं लाभ /अधिकार प्रदान किये जा सकें।

इस योजना के दूसरे चरण के अंतर्गत उन पहलूओं और ज़रूरतों को कवर करने के लिए नये प्रयास/प्रोग्राम होंगे जिनको अब तक विभिन्न विभागों के द्वारा किसी भी केंद्रीय राज स्पांसर स्कीम या पी.डब्ल्यू.डी. केन्द्रित योजनाओं के अधीन शामिल नहीं किया गया।
पंजाब दिव्यांगजन शक्तिकरन योजना की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुये प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना विभिन्न मौजूदा योजनाओं और प्रोग्रामों के एकीकरण पर केंद्रित है जिससे उनके लाभों को दिव्यांगजनों का अधिक से अधिक विकास करने के साथ-साथ 30 मौजूदा योजनाओं और प्रोग्रामों को शामिल करना है।
इन योजनाओं में नेत्रहीन व्यक्ति के साथ मददगार के तौर पर एक और व्यक्ति को सरकारी बसों में नि:शुल्क रियायती यात्रा मुहैया करवाना शामिल है जबकि इससे पहले सिफऱ् नेत्रहीन व्यक्ति ही सरकारी बसों में यह  नि:शुल्क यात्रा की सुविधा ले रहे थे।

दूसरे योजनाओं में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट (एनएफएसए) 2013 के अंतर्गत स्मार्ट राशन कार्ड स्कीम, सेहत बीमा, सरबत सेहत बीमा योजना (एस.एस.बी.वाई.), पंजाब राज्य ग्रामीण जीवन आजीविका मिशन (पी.एस.आर.एल.एम.) के द्वारा रोज़ी -रोटी कमाना, दुकान, कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण, किशोर लड़कियों के लिए योजना (एस.ए.बी.एल.ए.), विद्यार्थियों को नि:शुल्क परिवहन की सुविधा, होस्टल की सहूलतें, नि:शुल्क कोचिंग, आशीर्वाद स्कीम, माईं भागों विद्या योजना, विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षा (सी.डब्ल्यू.एस.एन.), फिजीयोथैरेपी और स्पीच थैरेपी, ट्रैवल एंड एस्कॉर्ट अलाऊंस, निपुण विद्यार्थियों के लिए डा. हरगोबिन्द खुराना स्कॉलरशिप स्कीम, रैजीडैंशियल मैरीटोरियस स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय होस्टल स्कीम (के.जी.बी.वी.), अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों की मेरिट अपग्रेड्रेशन (लडक़े और लड़कियों दोनों के लिए), व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण, सहायता सम्बन्धी सेवाओं की व्यवस्था, राष्ट्रीय बाल स्वथ्य कार्याक्रम (आर.बी.एस.के.), सामाजिक सशक्तिकरन, दिव्यांग खिलाडिय़ों के लिए खेल, यूडीआईडी कार्ड- दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एकमात्र पहचान पत्र, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए वित्तीय सहायता, राज्य में सभी के लिए 12वीं कक्ष तक नि:शुल्क शिक्षा, दिव्यांग बच्चों विशेष तौर पर बौद्धिक अपंगता वाले बच्चों के लिए सरकारी नौकरियों में पदों के बैकलाग को भरना शामिल है।

दूसरे चरण में विभाग की तरफ से 13 नयी योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें पीडि़त दिव्यांग व्यक्ति के इलाज, सहायक उपकरण, शिक्षा, खोज और मानव संसाधन विकास को उत्साहित करना, साल में पाँच दिनों की विशेष छुट्टी, नि:शुल्क शिक्षा, दिव्यांग विद्यार्थियों (लड़कियों) का शक्तिकरन, मनोरंजक गतिविधियों, विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों के लिए होम स्कूलिंग स्कीम, दिव्यांग अध्यापकों की शानदार कारगुज़ारी के लिए स्टेट अवार्ड, स्थानीय निकायों में भागीदारी, दूसरे चरण के अंतर्गत जि़ला स्तर पर सर्विस प्रोवाईडर स्कीम और सर्वेक्षण और डाटाबेस तैयार करना शामिल है।
जि़क्रयोग्य है कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार एक्ट, 2016 के अधिकारों की भावना को प्रमुख रखते हुये पंजाब सरकार, दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा को यकीनी बनाने और पहले ही चल रही स्कीमों और अन्य नये प्रयास और प्रोग्रामों के द्वारा समाज में उनकी पूरी भागीदारी और समानता के बराबर मौके प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है।

जनगणना 2011 के अनुसार, पंजाब में, 2.72 करोड़ की आबादी में से 6.5 लाख दिव्यांग व्यक्ति हैं, भाव आबादी का 2.14 प्रतिशत है। इसमें 3.79 लाख (58 प्रतिशत) पुरुष और 2.74 लाख (42 प्रतिशत) महिलाएं शामिल हैं। दिव्यांग व्यक्तियों की संख्या 20-29 साल (1.17 लाख) उम्र समूह में सबसे अधिक है। बहुसंख्यक (20 प्रतिशत) दिव्यांग व्यक्ति चलने फिरने से असमर्थ हैं, 12.6 प्रतिशत देखने से असमर्थ हैं और 22.4 प्रतिशत सुनने से असमर्थ हैं, जबकि बाकी प्रतिशतता दिव्यांगों की अन्य किस्मों से सम्बन्धित हैं।
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Source: INDIA NEWS CENTRE

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