HRD Ministry sets up three-member committee to end JNU controversy
इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जेएनयू कार्यकारी समिति ने छात्रावास शुल्क और अन्य वजीफा में प्रमुख रोल-बैक की घोषणा करने के बाद भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है। इसको लेकर एचआरडी मंत्रालय ने तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की जो जेएनयू की सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने के तरीकों की सिफारिश करेगी। जेएनयू के लिए बनाई गई एचआरडी समिति छात्रों एवं प्रशासन से बातचीत करेगी और सभी समस्याओं के समाधान को लेकर सिफारिश सौंपेगी। वहीं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों से छात्रावास शुल्क वृद्धि और उच्च शिक्षा को प्रभावित करने वाले अन्य मुद्दों के विरोध में सोमवार को संसद तक मार्च निकाल रहा है। वहीं संसद का शीतकालीन सत्र भी आज से शुरू होगा। जेएनयूएसयू ने कहा, ''ऐसे समय में जब देश में शुल्क वृद्धि बहुत अधिक पैमाने पर हो रही है, तो समग्र शिक्षा के लिए छात्र आगे आये है। हम संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जेएनयू से संसद तक निकाले जाने वाले मार्च में शामिल होने के लिए सभी छात्रों को आमंत्रित करते हैं। छात्र संघ ने दिल्ली के बाहर के छात्रों से 18 नवम्बर को आंदोलन आयोजित करने की अपील की। इसबीच जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार ने विरोध कर रहे छात्रों से रविवार (17 नवंबर) को अपील की कि वे अपनी कक्षाओं में लौट आएं, क्योंकि परीक्षाएं नजदीक हैं। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि उन्हें चिंतित अभिभावकों और छात्रों के ई-मेल आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “यदि हम अभी भी हड़ताल पर अड़े रहे तो इससे हजारों छात्रों के भविष्य पर असर होगा।” उन्होंने कहा, “कल (सोमवार, 18 नवंबर) से एक नया हफ्ता शुरू होगा और मैं छात्रों से अनुरोध करता हूं कि आप कक्षाओं में वापस आइए और अपने शोध कार्यों को आगे बढ़ाइए। 12 दिसंबर से सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होंगी और अगर आप कक्षाओं में नहीं जाएंगे तो इससे आपके भविष्य के लक्ष्य प्रभावित होंगे।” पुलिस ने बताया कि मार्च के मार्ग के आसपास सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किये गये है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम जिले से शुरू होने वाले सभी संभावित मार्गों से संसद की ओर जाने वाले सभी प्रवेश बिंदुओं पर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ''हमने 18 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के लिए संसद के आसपास पूरे क्षेत्र की सुरक्षा कड़ी की है। किसी भी अप्रिय स्थिति को टालने के लिए अन्य जिलों से भी अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किये जाएंगे।"