Yogi Sarkar in favor of hanging in cases of Rape: CM Yogi Adityanath
कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस की कार्यशैली पर जताई नाराजगी
अपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए बीट के सिपाही से लेकर एसएसपी तक की जवाबदेही तय
नवीन गोयल,इंडिया न्यूज सेंटर,ब्यूरो मुजफ्फरनगर नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपियों को मृत्युदंड की सजा दिलाए जाने की केंद्र सरकार की पहल के साथ प्रदेश सरकार भी खड़ी हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का फैसला किया है। बुधवार को शास्त्री भवन में हुई कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई। उन्नाव कांड, एटा में मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या व झांसी के दागी इंस्पेक्टर सुनीत सिंह के खुद को अपराधी होने का दावा करने जैसी घटनाओं को देखते हुए समीक्षा बैठक में उन्होंने पुलिस को अपनी छवि के प्रति सचेत रहने के निर्देश दिए है। योगी ने कहा कि अपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए बीट के सिपाही से लेकर एसएसपी तक की जवाबदेही तय की जाए। साफ-सुथरी छवि के अधिकारियों को ही एसओ बनाया जाए। वरिष्ठ अधिकारी सुनिश्चित करें कि दागी छवि के पुलिसकर्मी कहीं पर एसओ न बनें। थाने पर अपनी समस्या लेकर आने वाले फरियादियों के साथ न्याय होना चाहिए। अपराधियों व अराजक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि वीमेन पावर लाइन (1090) को डायल-100 व एंटी रोमियो स्क्वाड के साथ जोड़कर उसे और प्रभावशाली बनाया जाए। जिलों में डीएम व एसएसपी/एसपी सामाजिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थाओं, महिला संगठनों व अन्य संस्थाओं के साथ नियमित संवाद कर '1090 सहित पुलिस की अन्य सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करें। बैठक में प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी ओपी सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इससे पूर्व मुख्य सचिव राजीव कुमार ने योजना भवन में मंडलायुक्तों व पुलिस उप महानिरीक्षकों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा की और खासकर महिला संबंधी अपराधों में त्वरित व कठोर कार्रवाई सहित अन्य कड़े दिशा-निर्देश दिए।