` पंजाब सरकार द्वारा सीबीआई को पहले दिए केस वापिस लेने के लिए नोटीफिकेशन जारी, यह जांच एसआईटी से करवाने के लिए रास्ता साफ

पंजाब सरकार द्वारा सीबीआई को पहले दिए केस वापिस लेने के लिए नोटीफिकेशन जारी, यह जांच एसआईटी से करवाने के लिए रास्ता साफ

PUNJAB GOVERNMENT WITHDRAWS NOTIFICATIONS OF CASES TRANSFERRED EARLIER TO CBI share via Whatsapp

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इंडिया न्यूज सेंटर,चण्डीगढ़ः
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटनाओं संबंधी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई) से वापिस लेने के लिए पंजाब विधानसभा में  पारित किये प्रस्ताव के सम्बन्ध में पंजाब सरकार ने इस सम्बन्ध में पहले जारी किये नोटीफिकेशनों को डी-नोटीफाई करने के लिए नये नोटीफिकेशन जारी कर दिए हैं जिससे जांच का यह काम विशेष जांच दल (एस.आई.टी) को सौंपा जा सके । इसका खुलासा करते हुए आज यहाँ मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह फ़ैसला जस्टिस (सेवा मुक्त) रणजीत सिंह कमिशन की जांच रिपोर्ट के संदर्भ में लिया गया है जिस बारे 28 अगस्त, 2018 को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान चर्चा हुई । सदन में यह बात आई कि इस जांच के लिए तीन साल का समय निकल जाने के बाद भी सी.बी.आई की तरफ से कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई । इस मुद्दे की बहुत ज़्यादा महत्ता को स्वीकार करते हुए विधानसभा का विचार था कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की कोटकपूरा, बरगाड़ी, बहबल कलां में घटी घटनाओं और इनके साथ सम्बन्धित गोलीबारी की हुई घटनाएँ जिनके सम्बन्ध में केस दर्ज हुए हैं, की जांच का काम सी.बी.आई से वापिस लिया जाये और इसकी जांच एसआईटी द्वारा करवाई जाये । सदन ने यह भी महसूस किया कि इससे इन अहम मुद्दों पर कार्यवाही के कारगर परिणाम लाए जा सकेंगे । इससे यह यकीनी बनाया जा सकेगा कि इस मुद्दे के भावनात्मक पक्ष के सम्बन्ध में पंजाब राज्य की सिविल सोसायटी पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा और यह बड़े लोकहितों के लिए होगा । दिल्ली सपैशल पुलिस इस्टैबलिशमैंट एक्ट -1946 (सैंट्रल ङ्गङ्गङ्क ऑफ 1946) की धारा 6 के अंतर्गत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए पंजाब के राज्यपाल ने दिल्ली सपैशल पुलिस इस्टैबलिशमैंट के सभी सदस्यों को दी अपनी सहमति वापिस ले ली है । पहले जारी किये नोटीफिकेशन को डी -नोटीफाई करके दिल्ली सपैशल पुलिस इस्टैबलिशमैंट के सदस्यों से फरीदकोट जिले के बाजाखाना पुलिस स्टेशन में दर्ज एफ.आई.आर नंबर 128, तारीख़ 12 अक्तूबर, 2015, दफ़ा 295, 120 -बी ऑफ आई.पी.सी, एफ.आई.आर नंबर 117, तारीख़ सितम्बर 25, 2015 दफ़ा 295-ए आई.पी.सी और एफ.आई.आर नंबर 63 तारीख़ जून 2, 2015 दफ़ा 295-ए, 380 आई.पी.सी दर्ज केस के लिए 2 नवंबर, 2015 को जांच को उसके अधिकार क्षेत्र में से वापिस ले लिया है । इसके अलावा फरीदकोट जिले के बाजाखाना पुलिस स्टेशन में दर्ज एफ.आई.आर नंबर 130 तारीख़ अक्तूबर 21, 2015 दफ़ा 302, 307, 334 ऑफ आई पी सी और 25, 27 ऑफ आर्मज़ एक्ट और फरीदकोट जिले के कोटकपूरा में एफ.आई.आर नंबर 129, तारीख़ अगस्त 7, 2018 दफ़ा 307, 323, 341, 148, 149 ऑफ आई पी सी और सैक्शन 27 ऑफ आर्मज़ एक्ट, 1959 दर्ज केस जो पहले जांच के लिए सी.बी.आई को सौंपे गए थे सम्बन्धित भी 24 अगस्त, 2018 को जारी किया नोटीफिकेशन भी डी -नोटीफाई कर दिया है ।
गौरतलब है कि सूबा सरकार ने 14 अप्रैल, 2017 को जस्टिस (सेवा मुक्त) रणजीत सिंह के नेतृत्व में एक जांच कमिशन का गठन किया था जिसको श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी, श्रीमद भागवत गीता और पवित्र कुरान शरीफ की बेअदबी के मामलों की जांच करने का काम सौंपा था । इस कमिशन को घटी घटनाओं के तथ्यों और हालत की विस्तृत जांच और वास्तव में घटी घटनाओं का सिलसिलेवार घटनाक्रम और घटी घटनाओं में अलग अलग व्यक्तियों की तरफ से निभाई गई भूमिका और तथ्यों की पहचान, ऐसी घटनाएँ घटने बारे सच्चाई के लिए जांच, इन घटनाओं में शामिल होने वालों की असली भूमिका, 14 अक्तूबर, 2015 को कोटकपुरा में गोलीबारी की जांच और फरीदकोट जिले के बहबल कलाँ गाँव में गोलीबारी के द्वारा दो व्यक्तियों के मारे जाने की जांच, पुलिस अधिकारियों /मुलाजिमों की भूमिका की जांच और पहचान और इससे पहले घटी बेअदबी की घटना की जांच करने का काम सौंपा गया था ।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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