PUNJAB GOVERNMENT TO PROVIDE 40% SUBSIDY ON SILAGE BALER-CUM-WRAPPER MACHINES: TRIPT BAJWA
Farmers to get financial assistance upto Rs. 5.60 lakh per machine
मशीन खरीदने वाले उद्यमी किसान को 5.60 लाख रुपए की सहायता मिलेगी
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: पंजाब सरकार द्वारा डेयरी के धंधे को और विकसित और लाभदायक बनाने के लिए पंजाब डेयरी विकास बोर्ड के द्वारा हरे चारे से आचार की गांठे बनाने वाली मशीन की लागत पर 40 प्रतिशत की दर से सब्सिडी किसानों को दी जायेगी। आज यहाँ से जारी बयान में पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास मंत्री, पंजाब श्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा, ने बताया कि हरे चारे की पैदावार और देखभाल का मशीनीकरन करने के लिए सरकार की तरफ से निरंतर यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हरे चारे के तहत क्षेत्रफल बढ़ा कर न सिफऱ् दूध की पैदावार में विस्तार होगा बल्कि गेहूँ, धान के तहत क्षेत्रफल भी घटेगा, जिससे न सिफऱ् भूजल की बचत होगी बल्कि रिवायती फसलों के मंडीकरण की समस्या से भी निपटा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के लागू होने से मशीन खरीदने वाले उद्यमी किसान को 5.60 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता सरकार की तरफ से मिलेगी।
इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुये मंत्री ने बताया कि डेयरी धंधे के लिए सारा साल हरे चारे की उपलब्धता बहुत ज़रूरी है। परन्तु यह आम देखा गया है कि पंजाब में कई महीनों में हरा चारा फ़ाल्तू हो जाता है और कई महीनों में कमी आ जाती है। फ़ाल्तू हरे चारे से साइलेज या आचार बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि पंजाब में हर प्रगतिशील डेयरी फार्मर अपनी ज़रूरत के मुताबिक चारे वाली मकई और जवी का आचार बना रहा है। परन्तु गड्ढे या बंकर में बने इस आचार को एक से दूरी जगह ले जाना संभव नहीं होता क्योंकि इसमें नमी की मात्रा अधिक होने के कारण आचार खऱाब होने का ख़तरा रहता है।
श्री बाजवा ने बताया कि प्रगतिशील मुल्कों की तरह अब पंजाब में भी इस मुश्किल का हल निकाल लिया गया है, अब नवीनतम मशीनों के द्वारा तैयार किये साइलेज को बैगों, ट्यूबों और गांठों में तैयार करके छोटे, भूमिहीन किसानों, शहरी डेरियों और हरे चारे की कमी वाले राज्यों को भेजा जा सकेगा। इससे छोटे और शहरी डेयरी फार्मरों को वाजिब कीमत पर सारा साल संतुलित आहार उपलब्ध होगा। इसके साथ-साथ बेरोजग़ार नौजवान जो मकई के आचार की गांठे बनाने का काम शुरू करेंगे, को रोजग़ार हासिल होगा।
डेयरी विकास विभाग के डायरैक्टर श्री इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि साइलेज बेलर मशीनों के लिए अखबारों में ऐकसपरैशन ऑफ इंट्रस्ट देने के उपरांत कारनैस्ट एग्री प्रोडक्ट प्राईवेट लिमिटड (हैदराबाद), नव भारत फार्मरज़ प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटड (आंध्रा प्रदेश), मैस. बखसीश इंडस्ट्रीज (बस्सी पठाना), डायनामिक मशीनरी एंड इक्यूपमैंट कंपनी (लुधियाना), उज्ज्वला हारवैस्टर कारपोरेशन (आंध्रा-प्रदेश) की तरफ से इनपैनलमैंट के लिए रूची प्रकट की गई थी। उन्होंने बताया कि गठित माहिरों की एक्सपर्ट कमेटी की तरफ से कंपनियों की प्रस्तावों का मूल्यांकन किया गया और इन मशीनों का फील्ड ट्रायल लिया गया था। जिसके उपरांत तीन ही कंपनियाँ मैस. उज्ज्वला हारवैस्टर कारपोरेशन, डायनामिक मशीनरी और इक्यूपमैंट और मैस. बखशीश इंडस्ट्रीज को म्मानकों के अनुसार पाया गया, जोकि 100 किलो और 500 किलो की गांठे बनाती हैं।
उन्होंने समूह दूध उत्पादकोंं, उद्यमियों को विनती की कि इस स्कीम का भरपूर लाभ लेने के लिए उनके जि़ला स्तरीय या राज्य स्तरीय दफ़्तर के साथ संपर्क रखा जाये। इस सम्बन्धी और ज्यादा जानकारी के लिए विभाग के हेल्पलाइन नंबर 0172 -5027285 पर संपर्क किया जा सकता है।