Pakistan Bank will stop helping the terrorists
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने कहा अक्तूबर, 2019 तक अगर पाकिस्तान उसकी 27 मांगों पर काम नहीं करता है तो उसे ‘ग्रे’ से ‘ब्लैक’ लिस्ट में डाल दिया जाएगा
अंर्तराष्ट्रीय डेस्कः पाकिस्तान के बैंक इमरान सरकार के खिलाफ हो गए हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा पड़ोसी मुल्क को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं करने पर अब पाक के तमाम बैंक सरकार के खिलाफ खुलकर आ गए हैं। बैंकर्स ने सरकार से मांग की है कि वो आतंकवादियों को मदद देना बंद करें, नहीं तो आने वाले दिनों में पूरी तरह से कंगाल हो जाएंगे।
बैंक सघंटनों ने कहा हवाला कारोबार पर लगे प्रतिबंध
बैंकों के संगठन ने पाक सरकार से कहा कि वह तुरंत आतंकियों की फंडिंग और हवाला कारोबार पर रोक लगाएं। पाकिस्तान के बैंकर्स को डर है कि पाकिस्तान सरकार आतंकवाद को आर्थिक मदद करना बंद नही किया तो वह डूब जाएंगे। बैंकों का कहना है कि अगर सरकार यह कदम नहीं उठाती है तो फिर मुल्क में होने वाले विदेशी निवेश पर बुरा असर पड़ेगा। अगर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निकालकर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है तो पाकिस्तान में विदेशी निवेश जीरो हो जाएगा। पाकिस्तान के बैंकर्स ने कहा है कि पाकिस्तान को एफएटीएफ के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए काम करना चाहिए। एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने में नाकाम रहा है। एफएटीएफ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अक्तूबर, 2019 तक अगर पाकिस्तान उसकी 27 मांगों पर काम नहीं करता है तो उसे ‘ग्रे’ से ‘ब्लैक’ लिस्ट में डाल दिया जाएगा। बैठक में शामिल रहे भारतीय अधिकारी ने बताया कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को मई, 2019 तक कार्ययोजना को पूरा करने को कहा है। जून 2019 में इसकी पुनःसमीक्षा होगी। अब पाकिस्तान के पास अक्तूबर तक का समय है। अगर वह सुधार नहीं करता है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
एफएटीएफ ने की पुलवामा हमले की निंदा
एफएटीएफ ने कहा कि वह पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमले पर गौर करते हुए गंभीर चिंता वयक्त की है, और उसकी निंदा करता है।
एफएटीएफ क्या होता है
एफएटीएफ का गठन 1989 में दुनिया के 37 देशों ने मिलकर किया था। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग जैसे खतरों से दुनिया को बचाना है। यह वैश्विक आंतकी संगठनों पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने के लिए एक प्रहरी के रूप में काम करने वाला संगठन है।