Don't disclose identity of 'victim children' to media: Child right commission
Strictly implement Section 74 of Juvenilia justice Act
जूवीनाईअल जस्टिस एक्ट की धारा 74 को सख्ती से लागू किया जाये
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: पंंजाब बाल एवं महिला अधिकार कमीशन ने एक पत्र संबंधित आधिकारियों को जारी करके कहा है कि जूवीनाईअल जस्टिस एक्ट की धारा 74 (बाल देखभाल एवं सुरक्षा) एक्ट, 2005 को सख्ती के साथ लागू करने को यकीनी बनाया जाये। आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि कई जिलों में तैनात कुछ उच्च पुलिस अधिकारी पीडि़त बच्चों के साथ तस्वीर खिंचवा लेते हैं जो कि भाषायी और अंग्रेज़ी अखबारों और इलैक्ट्रॉनिक /इंटरनेट आधारित मीडिया पर प्रसारित और प्रकाशित हुई थी जिससे पीडि़त बच्चो की पहचान सार्वजनिक हो गई थी जिससे उन बच्चों की जान को ख़तरा हो सकता था जो कि जूवीनाईअल जस्टिस एक्ट की धारा 74 (बाल देखभाल और सुरक्षा) एक्ट, 2005 का उल्लंघना है। जूवीनाईअल जस्टिस एक्ट की धारा 74 एक्ट 2005 की धारा 1 अनुसार किसी भी अखबार, मैगज़ीन, न्यूज शीट और आडियो वीजीउल मीडिया और संचार के किसी भी अन्य रूप में किसी भी पड़ताल या जुडिशियल कार्यवाही दौरान किसी भी ऐसे बच्चे जो किसी भी कानून अधीन गवाह, पीडि़त, हो जिसको देखभाल या सुरक्षा की ज़रूरत है की पहचान नाम, पता या स्कूल की जानकारी नहीं देनी। इस के अलावा ऐसे केस जिसकी पड़ताल कोई बोर्ड जा समिति की तरफ से किया जा रहा है उसकी तरफ से भी यदि बच्चो का नाम प्रसारित करने की ज़रूरत हो तो बच्चो के हित को ध्यान रखते हुए बच्चो के नाम का विवरण देने से पहला नाम प्रसारित करने का कारण भी लिखित तौर पर दर्ज किया जाये। यदि कोई व्यक्ति सब सैक्शन (1) का उल्लंघन करता है तो उसे छह महीनो की सजा और दो लाख रुपए जुर्माना या दोनों हो सकती है। इस के अलावा पत्र द्वारा संबंधित आधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वह अपने अधीन अधिकारी और कर्मचारी को निर्देश देें कि किसी भी जूवीनाईअल जस्टिस एक्ट की धारा 74 एक्ट 2005 अधीन आते मामलो में शामिल बच्चो की पहचान सार्वजनिक ना करें।