Special attention must be given to children as temperature rising
अशफांक खां,लखनऊः बदल रहे मौसम के मिजाज से लू लगने और संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा अधिक रहता है । सुबह दस बजे से सूरज की किरणें शरीर पर चुभने लगती हैं । दोपहर मे तेज धूप के साथ गरम हवा के थपेड़े शरीर की कार्य प्रणाली को प्रभावित कर देते हैं । इस मौसम का असर सबसे अधिक बच्चों पर पड़ता है । ऐसे मे सावधानी बरतने की खास जरूरत होती है । इस मौसम मे संक्रामक रोगों का दौर शुरू हो जाता है । वायरल बुखार के साथ डायरिया और पीलिया के मरीज इस मौसम मे बढ़ जाते हैं । गर्मी बढ़ने से बच्चों के शरीर के तापमान में तेजी से बदलाव होता है जिस कारण बच्चों को सर्दी जुखाम, बुखार, डायरिया, पेट दर्द जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं । डॉ सोमनाथ मौर्या बाल रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि पांच वर्ष तक के बच्चों की मौत का प्रमुख कारण डायरिया होता है | इससे बचने के लिए साफ़ सफाई का पूरा ख्याल रखें, दूषित पानी और बासी भोजन से बचें | कुछ भी खाने से पहले हाथ जरूर अच्छे से धुलें ।डायरिया पैदा करने वाला विषाणु हाथों के जरिये शरीर में प्रवेश कर जाता है । वरिष्ठ चिकित्सक सुरेश सिंह सलाह देते हैं कि गर्मी मे लू से बचने के लिए पानी अधिक मात्रा मे पिये, हल्के रंग के ढीले ढाले सूती कपड़े पहने, धूप मे बाहर जाने से बचें । जरूरी हो तो धूप के चश्मे, छाता, टोपी और शरीर को पूरा ढ़क कर घर से बाहर निकलें । उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें, घर मे बने पेय पदार्थ नीबू पानी, लस्सी का प्रयोग करें जिससे शरीर मे पानी की कमी न हो । डायरिया होने पर ओआरएस का घोल पिये । अत्यधिक शराब के सेवन व तली भुनी चीजों को खाने से परहेज करें ।