World menstruation hygiene day, the myth of menstruation and the day to break shame
इंडिया न्यूज सेंटर,बहराइचः आज विश्व मासिक धर्म दिवस है, साल 2014 से 28 मई को “विश्व माहवारी व स्वच्छता दिवस” पूरे विश्व मे मनाया जाता है । इसको मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य समाज मे फैली मासिक धर्म संबंधी गलत अवधारणा को दूर करना तथा महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी सही जानकारी देना है । यूनिसेफ़ के एक आंकड़े के अनुसार देश मे माहवारी आने पर दो करोड़ से ज्यादा बालिकाएँ स्कूल जाना छोड़ देती हैं जबकि महिलाओं को आज भी इस मुद्दे पर बात करने मे झिझक होती है | समाज मे इस मुद्दे पर जागरूकता लाने के लिए वर्ष 2019 मे “इट्स टाइम फॉर एक्शन” की थीम पर पूरे विश्व मे आज “माहवारी व स्वच्छता दिवस” मनाया जा रहा है । महिलाओं और किशोरियों मे मासिक धर्म को लेकर फैली भ्रांतियाँ उनके गंभीर बीमारी की वजह हैं । माहवारी के मिथक व शर्म को तोड़ने के लिए पूरे विश्व मे आज के दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और गोष्ठियों का आयोजन किया जाता है | पूरे परिवार का ध्यान रखने वाली महिलाएं आज भी खुद से जुड़ी खास बातों से अंजान हैं । अनदेखी, अज्ञानता व खुले तौर पर खुद से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा न कर पाना इसका मुख्य कारण है । कहने को तो आज महिलाएं भी हर क्षेत्र मे पुरुषों के समान हैं लेकिन महीने के उन पाँच दिनों मे आज भी महिलाओं को हींन भावना से देखा जाता है । राकेश गुप्ता जिला समन्वयक राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम ने बताया कि कई परिवारों मे लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान परिवार से अलग थलग कर दिया जाता है । मंदिर जाने या पूजा करने की मनाही होती है, रसोई घर मे प्रवेश वर्जित होता है | कुछ परिवारों मे किशोरियों को खेलने कूदने से लेकर खट्टी चीजें, आचार आदि को छूने से मना किया जाता है । ऐसी कुरीतियों को अब बदलने का समय आ गया है । ग्रामीण क्षेत्रों मे तो आज भी यही स्थिति है कि महिलाएं इस तरह के विषयों पर न केवल बात करने से हिचकिचाती हैं बल्कि ऐसे दिनों मे जानकारी व साधनों के अभाव मे स्वच्छता का ध्यान भी नहीं रख पाती है । उन्होने बताया कि ऐसे दिनों मे स्वच्छता के साथ ज्यादा पोषक तत्वों की भी अवश्यकता होती है । पीरियड्स के दिनो मे पोषक तत्व न लेने के कारण अधिकतर महिलाएं और किशोरियाँ एनीमिया से ग्रसित हो जाती हैं । इसलिए महिलाओं को इस तरह के संवेदनशील मुद्दों के बारे मे जागरूक करने की जरूरत है । डॉ अंजू श्रीवास्तव चिकित्साधिकारी महिला अस्पताल ने बताया कि माहवारी के दौरान साफ सफाई बेहद जरूरी है । एक ही कपड़े को बार बार धोकर इस्तेमाल करने से उसमे जीवाणु हो जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है । ऐसे मे महिलाओं को सेनेट्री नेपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए । माहवारी के दौरान स्वच्छता न रखने से पीआईडी और बच्चेदानी की नली के अंदरूनी भाग को क्षति पहुँचती है जिससे महिलाओं को माँ बनने मे कई दिक्कतें पैदा हो सकती हैं । डॉ सुरेश कुमार सिंह सीएमओ ने बताया कि विश्व माहवारी व स्वच्छता दिवस पर जिले के सभी सीएचसी पीएचसी पर गोष्ठी कर महिलाओं और किशोरियों को जागरूक किया जाएगा ।
उन दिनों मे यूं रखें स्वच्छता का ध्यान –
समय समय पर बदले पैडस – कई घंटों तक एक ही पैड को लगाए रखने से भी संवेदनशील अंगों पर इचिंग, सूजन व ल्यूकोरिया जैसी खरनाक बीमारी हो सकती है, ऐसे समय मे महिलाओं को ब्लड फ्लो के आधार पर तकरीबन तीन से चार बार पैड बदलना चाहिए ।
इन दिनों मे पहने सूती कपड़े – आजकल महिलाएं व युवतियों मे लैगिंग, जैगिंग व जींस आदि का अधिक चलन देखने को मिल रहा है उन दिनों मे टाइट कपड़ों को पहनना भी हानिकारक साबित हो सकता है, क्योंकि इस तरह के कपड़ों मे शरीर को हवा नहीं लगने से गीलेपन के कारण बीमारियाँ हो सकती है, इसलिए ऐसे समय मे केवल सूती कपड़े पहनने चाहिए |
गर्म पानी से करें स्नान – इस दिनो महिलाओं मे चिड़चिड़ापन, थकान और पेट व कमर दर्द जैसी कई परेशानियाँ होती हैं ऐसे मे महिलाएं यदि गुनगुने पानी से नहाएँ तो शरीर स्वस्थ होने के साथ ही दर्द मे आराम भी मिलेगा |