Another dangerous truth of corona virus has been revealed, know
हेल्थ न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस का खतरनाक सच सामने आया है। जॉर्जिया के एमॉरी यूनिवर्सिटी ऑप्ऊ एटलांटा के अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को पता चला है कि 20 से 40 फीसदी मरीजों में खून का थक्का मिला था। भारत में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसके कारण मरीजों की मौत हो चुकी है। डॉ. क्रेग कॉपरस्मिथ बताते हैं कि हैरान करने वाली तकलीफ मरीजों में तब दिखी जब खून पतला करने की दवा चल रही थी। मैमोनाइड्स मेडिकल सेंटर के फिजिशियन डॉ. पॉल सौंडर्स का कहना है कि खून का थक्का बड़ी रक्त वाहिकाओं और छोटी रक्त वाहिकाओं में होता है। ये दोनों रक्त वाहिकाएं शरीर के कई हिस्सों में होती है। ऐसे में खून का थक्का फेफड़ों, पैरों या फेफड़ें की पल्मोनरी एमबोली में जम सकता है। इससे ये कहा जा सकता है कि कोविड-19 दिल का दुश्मन है क्योंकि कोरोना की हृदय की मांसपेशियों को क्षतिग्रस्त करता है।
केस एक : राजस्थान की राजधानी जयपुर में इटली का एक 69 वर्षीय नागरिक कोरोना से संक्रमित हुआ। पूरी तरह ठीक होने के बाद एसएमएस अस्पताल से छुट्टी दी गई लेकिन बाद में हार्ट अटैक से 19 मार्च को उसकी निजी अस्पताल में मौत हो गई।
केस दो : इटली की ही रहने वाली एक 78 वर्षीय महिला के कोरोना संक्रमित होने के बाद गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला वायरस से पूरी तरह ठीक हो गई लेकिन नौ अप्रैल को हार्ट अटैक से उसकी अचानक मौत हो गई जिससे डॉक्टर हैरान रह गए।
कोरोना के स्पाइक पहुंचा रहे नुकसान
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजिस्ट प्रो. रॉबर्ट बॉनो का कहना है कि कोरोना के स्पाइक (कांटे) ऊपर की ओर उभरे होते हैं। ये कोशिकाओं पर चिपक जाते हैं और पूरे शरीर में अपना दायरा बढ़ाते हैं। यही अगर रक्त वाहिकाओं पर चिपक जाए तो ये रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त करने के साथ हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद रक्त का थक्का जमेगा और हार्ट अटैक से मौत भी हो सकती है। अब डॉक्टर ये भी मानने लगे हैं कि वायरस के शरीर में घुसने के बाद खून का थक्का मौतों की बड़ी वजह हो सकती है।
इलाज के साथ दिल की जांच जरूरी
न्यूयॉर्क के बुक्रलीन के हार्ट सर्जन बताते हैं कि ब्लड क्लॉट (खून का थक्का) कोरोना से सबसे अधिक मौतों की बड़ी वजह है। यही कारण है कि ऐसा भी दिख रहा है कि मरीज स्वस्थ होने के बाद जब अस्पताल से घर पहुुंचता है तो उसे हार्ट अटैक आता है और उसकी मौत हो जाती है। इसको ध्यान में रखकर अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को खून पतला करने की दवा कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह पर देने पर विचार करना होगा। कोरोना संक्र मितों के इलाज के दौरान हृदय संबंधी जांच को अनिवार्य करना होगा।
चीन में दिखे थे इस तरह के लोग
चीन में अस्पताल में भर्ती 416 कोरोना संक्रमित मरीजों पर अध्ययन किया गया तो पता चला कि 20 फीसदी लोगों के हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा है। न्यूयॉर्क में भी जो भी मौतें कोरोना वायरस से हो रही हैं उनमें अधिकतर की मौत का कारण हार्ट अटैक हो सकता है।