Caution: Why railway officers want to save the person who created fake documents
नौकरी डीईएमयू में लोन के लिए 16 ए फार्म तैयार किया बिजली विभाग से
डिवीजनल मेकेनिकल इंजीनियर कहते है अभी इस मामले की जांच चल रही है
रजनीश शर्मा,जालंधरः रेलवे के एक कर्मचारी द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। यह पहला मौका नही है एेसे कार्य रेलवे विभाग में पहले भी होते रहे है। बताते है कि रेलवे के इस कर्मचारी की शिकायत मंडल कार्यालय से लेकर रेलवे मंत्रालय तक की है। उच्च अधिकारियों तक शिकायत पहुंचने के बाद मंडल कार्यालय ने जालंधर शहर के डीईएमयू के वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता राकेश कुमार के पास जांच के लिए भेजी है। शिकायत कर्ता ने जालंधर डीईएमयू में तैनात टैक्निशयन ग्रेड टू इलेक्ट्रीकल गुरप्रीत सिंह पर आरोप लगाते हुए रेलवे के उच्च अधिकारियों को शिकायत की है कि गुरप्रीत सिंह ने 16 ए फार्म रेलवे के ही बिजली विभाग से फर्जी तौर पर तैयार किया है। यही नही गुरप्रीत सिंह ने बिजली विभाग जालंधर शहर से ही फर्जी सेलरी सर्टिफिकेट तैयार किया है। मजे की बात तो यह है कि गुरप्रीत सिंह ने जहां पर इन दस्तावेजों का प्रयोग किया है वहा पर पहचान पत्र डीईएमयू का लगाया हुआ है। काफी शिकायत होने के बाद रेलवे अधिकारियों ने मामले पर ठीक तरह से एक्शन नही लिया है। जब इस मामले की शिकायत रेल मंत्रालय तक पहुंची तो मंडल कार्यालय ने इसकी जांच के लिए लिए डीईएमयू के वरिष्ठ मंडल यांत्रियक अभियंता को भेज दी है। आखिर मामला क्या है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा।
क्या कहते वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियता राकेश कुमार
वरिष्ठ मंडल यात्रिंत अभियंता राकेश कुमार से जब इस मामले में बात की तो उनका कहना है कि इस मामले की जांच कराई जा रही है। इस बात से यह तो साबित हो गया है कि मामला गंभीर है तथा उनके ध्यान आकृष्ण में है।
क्या कहते है सीनियर सेक्शन इंजीनियर पावर
जब इस संबध में सीनियर सैक्शन इंजीनियर भुवनेश से बात तो उनका कहना है कि गुरप्रीत सिंह नाम का कोई कर्मचारी उनके यहां तैनात नही है। गुरप्रीत सिंह द्वारा जो भी दस्तावेज बनाए गए है वह फर्जी है हमारे यहा से इस तरह के कोई भी दस्तावेज तैयार नही किए गए है। प्रथम दृष्टी में यह एक फर्जी मामला लग रहा है जो एक जांच विषय है।