CBI team put raid on railway power house
25 लोगों की टीम ने दफ्तर व रेलवे अधिकारियों के घरों पर एक साथ मारे छापे
रेलवे अधिकारियों ने रेलवे टेंडरों में बरती गई थी अनिमितताएं
रेलवे ठेकेदार की शिकायत पर रेलवे विजीलेंस ने की थी जांच
रेलवे विजीलेंस ने मामले की जांच सौपी थी सीबीआई को
क्या रेलवे विभाग ने ई-टेंडर प्रणाली अपनाई थी?
एलईडी व आवर हेड तार बदलने में रेलवे अधिकारियों ने मचाई थी धांधली
रजनीश शर्मा,जालंधरः रेलवे में भ्रष्ट्राचार चरमसीमा पर पैर पसारे हुए है। आलम यह है कि रेलवे अधिकारी अपने स्वार्थ के लिए नियमों को दरकिनार करते हुए अपने चेहतों को ठेके दे देते है। इसी कड़ी के चलते शुक्रवार को फिरोजपुर मंडल के दर्जन भर स्टेशनों पर सीबीआई ने छापेमारी की है। जालंधर शहर में भी सीबीआई की टीम ने तीन जगह समेत रेलवे पावर हाऊस के सीनियर सैक्शन इंजीनियर के कार्यालय में तकरीबन 9-से 10 घटें तक सीबीआई के अधिकारी दस्वाेज खंगालते रहे। जानकारों की माने तो मंडल के कई अधिकारी व सैक्शन अधिकारियों पर गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा है। सीबीआई की अधिकारी एलईडी लाईट व अन्य दस्तावेज लेकर गए है। भरोसे मंद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे के इलेक्ट्रीक विभाग में सीबीआई 2016 के कार्यकाल में दिए गए इलेक्ट्रीक टेंडरों में बरती गई अनिमतताओं को लेकर छापे मारी डिवीजन भर में छापेमारी की गई है। जानकारों का कहना है रेलवे विभाग के अधिकारियों ने एलईडी लाईटों में जमकर धांधली की है। मजे की बात तो यह है कि ओवर हेड वायरिंग के बदलने में जमकर लूट मची थी। जानकार तो यहां तक बताते है कि फिरोजपुर, अमृतसर, जालंधर, पठानकोट व लुधियाना शहरों में वायर बदलने के टेंडर किए गए थे। लेकिन कुछ शहरों में तो कागजों में वायर बदल गए थे। लेकिन हकीकत में कार्य हुआ ही नही था। जब इस मामले की शिकायत की गई तो आनन-फानन में कुछ जगह लीपापोती की गई। जानकार तो यहां तक बताते है कि वर्ष 2017 में हाईकमान के आदेश पर सीनियर डिवीजनल इंजीनयर व डिवीजनल इंजीनियर को पोस्ट से हटा दिया था। इनमें से डिवीजन स्तर के एक अधिकारी की साईनिंग पावर भी ली हुई है। जानकारों का कहना है कि अगर तारें बदलने का टेंडर हुआ था तो क्या पुरानी तारें स्टाँक में जमा कराई गई थी ? क्या ई-टेंडर किए गए थे ? सीबीआई ने जिस तरीके से छापेमारी की उस हिसाब से विभाग के कई कर्मचारी व अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।