Local Government Minister orders stringent action against to be found guilty
• Officers not obeying orders issued on 7th July, 2018 regarding keeping approval to plan in suspension
नगर निगम लुधियाना 98 -सी नक्शा पास करने का मामला
7 जुलाई, 2018 को नक्शे की मंजूरी लम्बित करने के आदेशों की पालना न करने वाले बख्शे नहीं जाएंगेः नवजोत सिंह सिद्धू
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धु ने नगर निगम लुधियाना के उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिए है जिन्होने नक्शे की मंजूरी लंम्बित करने व दस्तावेजों में हेराफेरी की है। सिद्धु ने इस संबंधी विभाग के प्रमुख सचिव को तुरंत कार्यवाही के लिए कहा है।गौरतलब है कि निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धु ने नगर निगम लुधियाना के 98 -सी नक्शा पास करने संबंधी मामले में स्थानीय निकाय मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने उनके 7 जुलाई, 2018 को इस मामले की जांच सौंपते समय नक्शे की मंजूरी लम्बित करने के आदेशों की पालना न करने वाले और ज़रुरी दस्तावेज़ों की हेराफेरी करने के बावजूद सी.एल.यू. का केस आगे भेजने वाले दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों के खि़लाफ़ सख्त कार्यवाही के आदेश दिए हैं। उन्होंने स. सिद्धू ने इस मामले में खुलासा करते हुए कहा कि इस मामले की जांच के आदेश उनकी तरफ से ही दिए गए थे और इसकी जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि जिस ज़मीन का सी.एल.यू. और नक्शा पास करवाया गया, उस ज़मीन की रजिस्ट्री जालसाजी करके खसरा नंबर बदले गए। उन्होंने कहा कि सी.एल.यू. की दरख़ास्त 17 जनवरी, 2018 को दी गई थी जिसमें दस्तावेज़ों की हेराफेरी की गई। सी.एल.यू. की दरख़ास्त देने के दो दिन बाद 19 जनवरी, 2018 को रजिस्ट्री करवाई गई थी जबकि सी.एल.यू. की दरख़ास्त देने के समय दस्तावेज़ों के साथ रजिस्ट्री नत्थी होना लाजि़मी होता है। सम्बन्धित अधिकारियों ने रजिस्ट्री के दस्तावेज़ों का केस बिना किसी पड़ताल के सी.एल.यू. पास करवाने के लिए आगे भेज दिया। उन्होंने कहा कि सी.एल.यू. के लिए दरख़ास्त देने के दो दिन बाद हुई रजिस्ट्री के खसरा नंबर में फर्क होने के कारण सी.एल.यू. की दरख़ास्त देने के समय लगे दस्तावेज़ों में से ऊपर वाला पेज हेराफेरी करके बदल दिया गया जबकि बाकी दस्तावजों में खसरा नंबर आदि वही रहे।स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया कि उस समय के लुधियाना के ए.डी.सी. (जनरल) इकबाल सिंह संधू द्वारा जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि रजिस्ट्री करवाने की तारीख़ 19 जनवरी, 2018 है, जबकि सी.एल.यू. की दरख़ास्त 17 जनवरी, 2018 को दी गई। इस हिसाब से आवेदक तो दरख़ास्त देने के समय ज़मीन का मालिक ही नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस ज़मीन की रजिस्ट्री 19 जनवरी, 2018 को हुई, उसका सी.एल.यू. बिना स्वामित्व रजिस्ट्री दो दिन पहले कैसे हो सकती है?स. सिद्धू ने बताया कि नक्शा नंबर 98 -सी नगर निगम, लुधियाना संबंधी मामला पिछले वर्ष जुलाई महीने उनके ध्यान में लाया गया था कि बिना शिकायतों के निपटारे के 11 जून, 2018 को नक्शे को मंजूरी दी गई। इस पर उन्होंने तुरंत कार्यवाही करते हुये 9 जुलाई, 2018 को प्रमुख सचिव, स्थानीय निकाय को पत्र लिखकर इस मामले की जांच डी.एस.पी., नगर निगम, लुधियाना से करवा कर डिटेल रिपोर्ट मुख्य निगरान अधिकारी, स्थानीय निकाय विभाग के द्वारा मंत्री को एक महीने के अंदर -अंदर पेश करनेके आदेश दिए गये थे। उन्होंने बताया कि डी.एस.पी., नगर निगम, लुधियाना के द्वारा करवाई गई जांच में यही बात सामने आई है कि नगर निगम लुधियाना और स्थानीय निकाय विभाग के मुख्य दफ़्तर के अधिकारियों द्वारा बिना कोई तथ्य जाँच किये और इस संबंधी मिली शिकायतों के निपटारे के सी.एल.यू. का केस स्वीकृत करके मंत्री के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया गया। स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा कि उन्होंने उस समय अपने आदेशों में जांच करवाने के अलावा नक्शे की मंजूरी तुरंत लम्बित रखने के भी आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि इन आदेशों के बावजूद निर्माण का काम चलता रहा जबकि उन्होंने स्पष्ट कहा था कि नक्शे की मंजूरी तुरंत लम्बित रखी जाये। उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुये प्रमुख सचिव को दोषी अधिकारियों के खि़लाफ़ सख्त कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं।