The decision to increase the curfew will taken after seeing the situation, the top officers will get salary in installments: Captain Amarinder Singh
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कर्फ्यू को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाने के बारे में कोई भी फैसला उस समय के हालात पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि वह राज्य के हालात पर रोजाना निजी तौर पर निगरानी रख रहे हैं। मुख्यमंत्री उन मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिनमें कहा गया था कि कोविड-19 के मद्देनजर सूबे में कर्फ्यू को 14 अप्रैल को नहीं हटाया जाएगा। कैप्टन ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पहले कहा था कि इस बारे में कोई पक्का फैसला या समय सीमा नहीं बताई जा सकती। लोगों की जानें और सूबे को बचाने के लिए पाबंदियां जरूरत मुताबिक जारी रहेंगी। कैप्टन ने कहा कि राज्य में कर्फ्यू/लॉकडाउन को हटाने या आगे बढ़ाने के बारे में कोई भी फैसला पूरी तरह उस समय के हालातों पर निर्भर करेगा। सीएम ने कहा कि अगर हालातों में सुधार होता है तो ऐसी सख्त पाबंदियों की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर स्थिति गंभीर होती है तो सरकार के पास कर्फ्यू या लॉकडाउन या किसी अन्य जरूरी कदमों के जरिये कंट्रोल रखने के बिना और कोई चारा नहीं होगा। उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि राज्य सरकार कर्फ्यू के चलते नागरिकों को पेश आ रही मुश्किलों को कम करने के लिए अधिक से अधिक कदम उठा रही है।
उच्चाधिकारियों को मार्च का वेतन दो किस्तों में मिलेगा
कर्फ्यू और लॉकडाउन के चलते पंजाब पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड(पीएसपीसीएल) गहरे वित्तीय संकट में फंस गया है। कंपनी ने खराब माली हालत का हवाला देते हुए अपने उच्चाधिकारियों को मार्च माह का वेतन दो किस्तों में देने का फैसला किया है। एक पत्र में कहा गया है कि कोरोना के चलते पूरे विश्व में वित्तीय संकट गहरा रहा है। कर्फ्यू और लॉकडाउन के कारण कॉरपोरेशन आर्थिक तंग से घिर गया है। कंपनी के लिए मार्च का वेतन चुकाना भी मुश्किल हो गया है। इसलिए फैसला किया गया है कि नए भर्ती, कच्चे व कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों, दर्जा चार व दर्जा तीन कर्मियों व 30000 से कम वेतन लेने वालों को समय पर वेतन दिया जाएगा। लेकिन इससे ज्यादा वेतन लेने वाले उच्चाधिकारियों को पहले 60 फीसदी और फिर 20 अप्रैल तक बाकी 40 फीसदी वेतना दिया जाएगा। सीएमडी और डायरेक्टर स्तर के अधिकारियों को समय पर वेतन न देकर 20 अप्रैल को ही पूरा वेतन दिया जाएगा। 60 फीसदी वेतन के बाद बाकी राशि व्यवस्था के लिए कर्ज की व्यवस्था की जाएगी।
कोरोना से मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार का विरोध न करें लोग
वीरवार को प्रसिद्ध रागी पद्मश्री भाई निर्मल सिंह की कोरोना के कारण मौत के बाद श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किए जाने का विरोध हुआ, जिसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे मामलों में अंतिम संस्कार का विरोध न करें क्योंकि कोरोना के मृत मरीज की देह से कोई ख़तरा पैदा नहीं होता। श्मशान घाट और दफन करने वाले कर्मचारियों को जागरूक करते हुए उन्होंने कहा कि अगर सही प्रोटोकोल की पालना की जाए तो संस्कार से कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। यहां तक कि मृतक की अस्थियों से भी कोई खतरा पैदा नहीं होता और अंतिम संस्कार की रस्मों के लिए अस्थियां इकट्ठी की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, श्मशान घाट और दफन करने वाले कर्मचारियों को हाथों की सफाई, मास्क और दस्तानों का प्रयोग करने की जरूरत है। इसके अलावा, रिश्तेदारों को मुंह दिखाना और धार्मिक रस्मों जैसे कि धार्मिक पाठ, पवित्र पानी का छिड़काव और कोई अन्य रस्में जिससे मृत शरीर को छूने की जरूरत नहीं होती, के लिए शव को दिखाने के लिए बैग को (स्टाफ द्वारा साधारण सावधानियां इस्तेमाल करके) खोलने की इजाजत दी जा सकती है। मृतक की देह को स्नान, चूमना, गले लगाने की इजाजत नहीं है और संस्कार/ दफन करने वाले कर्मचारियों और पारिवारिक सदस्यों को अंतिम संस्कार /दफन के बाद हाथों की सफाई करनी चाहिए। इसके अलावा, श्मशान घाट / दफन करने वाले स्थान पर बड़े जलसे में सामाजिक दूरी के उपाय के तौर पर परहेज करना चाहिए।