` 67 साल का पति और 52 की पत्नी, शादी के 3 महीने बाद...

67 साल का पति और 52 की पत्नी, शादी के 3 महीने बाद...

A husband of 67 years and wife of 52, 3 months after marriage . share via Whatsapp

A husband of 67 years and wife of 52, 3 months after marriage .

इंडिया न्यूज सेंटर,गाजियाबादः महिला थाने के परिवार परामर्श केंद्र पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान सभी काउंसलर उस समय दंग रह गए जब 67 साल के बुजुर्ग का नई बीवी के खिलाफ महिला थाने में शिकायत का मामला सामने आया। बुजुर्ग ने तीन महीने पहले ही 52 साल की महिला से ‘प्रेम विवाह' किया था। आरोप है कि पत्नी शादी के लगभग दो माह बाद ही घर में रखे जेवर और नगदी लेकर आपने मायके चली गई। बुजुर्ग के पहले से ही चार शादीशुदा बच्चे और पत्नी के भी दो शादीशुदा बच्चे हैं। पत्नी भी कविनगर थाने में दो माह पहले अपने पति के खिलाफ मारपीट की शिकायत कर चुकी है। मामले को सुलझता न देख काउंसलर ने अगली तारीख दे दी है। विजय (67) और पूनम (52) (दोनों बदले हुए नाम) की तीन माह पहले प्रेम विवाह हुआ था। विजय की पत्नी की पहले ही मृत्यु हो चुकी है, जबकि पूनम तलाक शुदा है। विजय के पहली पत्नी से चार शादीशुदा बच्चे हैं। वहीं पूनम के शादीशुदा बेटी और बेटा है। दोनों शादी के बाद अपने बच्चों से अलग रहते हैं।काउंसलिंग के दौरान विजय ने बताया कि बताया कि शादी के लगभग दो माह बाद ही उनकी पत्नी घर से लाखों की जूलरी और नकदी लेकर मायके चली गई। वह पत्नी को किसी तरह की सजा नहीं दिलाना चाहते। उनकी पत्नी सारे जेवर और नकदी लौटा दे और घर पर आराम से साथ रहें। वहीं पूनम ने बताया कि शादी के बाद से ही पति मारपीट करता है। इसके लिए एक बार वे सौ नंबर डायल कर पुलिस भी बुला चुकी हैं और अवंतिका चौकी में शिकायत भी कर चुकी है। वह पति की मारपीट और पति के बेटों के उनके जीवन में हस्तक्षेप से परेशान होकर अपने मायके गई थी। काउंसलर विधु गर्ग ने मामले को सुलझता न देख अगली तारीख दे दी है। अब अगली तारीख को इस मामले की सुनवाई होगी।

रिश्तों को बचाने की कोशिश रहती है 

परिवार परामर्श केंद्र पर तैनात सब इंस्पेक्टर तरुणा सिंह ने बताया कि केंद्र पर आए सभी मामलों में काउंसलर जोड़ों को समझाने की कोशिश करते हैं। प्रयास रहता है कि सुनवाई के हर दिन ज्यादा से ज्यादा परिवारों को टूटने से बचाया जा सके। जब तक रिश्तों के बचने की उम्मीद रहती है तब तक सुनवाई के लिए तारीखें दी जाती हैं, लेकिन जब लगता है कि बात नहीं बनेगी तो फाइल केंद्र की ओर से बंद कर दी जाती है।

 

98 जोड़ों को समझाने का प्रयास किया 

परिवार परामर्श केंद्र पर गुरूवार को 98 मामलों पर सुनवाई हुई। केंद्र पर मौजूद सात काउंसलर ने सभी जोड़ों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन गुरुवार को केवल चार मामलों पर ही बात बन पाई। चारों जोड़ों के झगड़े का निपटारा कर दिया। पति-पत्नी हंसी-खुशी घर चले गए। काउंसलर विधु गर्ग ने बताया कि जो पति-पत्नी एक दूसरे के लिए बिल्कुल झुकना नहीं चाहते, अक्सर उन्ही के बीच छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़े होते हैं जो धीरे-धीरे बड़े होकर पुलिस और अदालत तक पहुंच जाते हैं। रिश्तों को बचाने के लिए एक दूसरे के सामने झुकना और छोटी मोटी बातों को अनदेखा करना जरूरी है।

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Source: Indianewscentre

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