ALL FOR DEATH PENALTY FOR RAPISTS OF MINOR CHILDREN, SAYS CAPT AMARINDER
WELCOMES ORDINANCE CLEARED BY UNION CABINET TO DEAL WITH SUCH CASES
ऐसे मामलों से निपटने के लिए केंद्रीय मंत्रीमंडल के अध्यादेश का सवागत
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार करने के मामलों में मौत की सजा के लिए केंद्र की तरफ से जारी किये अध्यादेश का स्वागत किया है । उन्होंने देश भर में बढ़ रही इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए इसको एक क्रांतिकारी और आवश्यक कदम बताया है । इसका स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इस तरह के घिनौने अपराधों को रोकने के लिए कार्य करेगा जिन्होंने हाल ही में समूचे देश को बुरी तरह झंझोड़ कर रख दिया है । उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराध मानवता के चेहरे पर धब्बा हैं और इसलिए कोई भी दोषी दया का पात्र नहीं है । उन्होंने कहा कि वह नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार के मामलों में उदाहरणीय सजा दिलाने के हक में हैं । कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि भारतीय समाज में बलात्कार या यौन उत्पीडऩ अस्वीकार्य है जोकि पारंपरिक तौर पर लड़कियों और औरतों की देवियों के तौर पर पूजा करता है । उन्होंने कहा कि बच्चियों के साथ बलात्कार बुनियादी मानवीय सिद्धांतों का उल्लंघन है ।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी समाज एक वर्ष से कम उम्र की छोटी बच्चियों सहित नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार जैसी स्थिति को सहन नहीं कर सकता । उन्होंने कहा कि कठुआ में आसिफ़ा जैसी लडक़ी के साथ किये अत्याचार जैसे ज़ुल्मों के लिए दोषी व्यक्ति कड़ी सजा का हकदार है । मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची को सैक्स का कुछ भी पता नहीं होता और उसके साथ बलात्कार को किसी भी सूरत में जायज़ नहीं ठहराया जा सकता । उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराध के लिए कोई भी माफी नहीं है । इस सम्बन्ध में दोषी की किसी भी हालत में सुरक्षा नहीं की जा सकती । मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रीमंडल द्वारा घोषित किये गये अध्यादेश पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति की इस तरह की मानसिकता मानवता को चुनौती है । मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहरी और अांतरिक हमलों से अपने नागरिकों की रक्षा करना सरकार की जि़म्मेदारी है । इसके साथ ही किसी भी तरह के अत्याचार से अपने लोगों की सुरक्षा करना भी सरकार का फज़ऱ् है और इस उदेश्य के लिए सभी कदम उठाए जाने के लिए सरकार के पास शक्तियां हैं ।