heroin smuggling, STF raided and arrested two including SHO
एसटीएफ टीम ने आरोपी के निजी ड्राइवर को भी पकड़ा
तस्करों को पैसे लेकर छोड़ने के बाद हेरोइन खुद रखी थी
इंडिया न्यूज सेंटर,लुधियानाः पंजाब की स्पेशल टास्क फोर्स ने लुधियाना के पुलिस थाना डिवीजन नंबर दो के एसएचओ अमनदीप सिंह गिल और उसके ड्राइवर को हैरोइन की खेप के साथ गिरफ्तार किया है। दोनों के कब्जे से 10.35 ग्राम हेरोइन बरामद और छह मोबाइल फोन बरामद किए है। एसएचओ ने पांच दिन पहले पैसे लेकर नशा तस्करों को छोड़ा था। उनसे बरामद की गई हेरोइन, उनके मोबाइल फोन व कार भी खुद के पास रखी और बाकी पैसे लेकर सामान देने की बात की। आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। आईजी एसटीएफ आरके जायसवाल ने बताया कि लुधियाना के एंटी नारकोटिक्स विभाग में रहे सस्पेंड हेड कांस्टेबल बलबीर सिंह को थाना सराभा नगर की पुलिस ने नाजायज वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया था। जेल से बाहर आने के बाद उसे नशा तस्करी का धंधा शुरू कर दिया। आरोपी बलबीर सिंह सस्पेंड होने के बाद भी बाहर सभी को बताता था कि वह अभी भी पुलिस में नौकरी कर रहा है। बीती 11 फरवरी को आरोपी बलबीर सिंह ने अपने कुछ साथियों के साथ मिल गांव जस्सोवाल के सतवीर सिंह और गुरपाल सिंह, गांव दाखा के हरप्रीत सिंह और गगन और सतवीर के मौसी के बेटे यादविंदर सिंह को हेरोइन के साथ काबू किया और उनकी कार को लेकर सीधे थाना डिवीजन नंबर दो पहुंचा। प्लानिंग के मुताबिक आरोपी बलबीर सिंह ने एसएचओ अमनदीप सिंह और उसके ड्राइवर अजय से सारी बात की और हेरोइन के साथ गिरफ्तार किए आरोपियों को उनके हवाले कर दिया। एसएचओ अमनदीप सिंह गिल ने आरोपियों को दो तीन दिन तक अपने पास नाजायज हिरासत में रखा। जब आरोपियों के रिश्तेदारों से बात हुई तो गाड़ी लेकर आए गुरपाल और यादविंदर के परिजनों से एक लाख रुपये लाने की बात की। इस पर तीस हजार रुपये मिले। इसके बाद एसएचओ अमनदीप सिंह गिल ने सभी को छोड़ दिया और उनसे बरामद हेरोइन, मोबाइल फोन और कार अपने पास रख ली और कहा वह बाकी के रुपये लेकर आए और अपना सामान ले जाए। इसके बाद सस्पेंड हेड कांस्टेबल को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया तो सारा मामला खुलकर सामने आया। आईजी जायसवाल ने बताया कि सतवीर, हरप्रीत और गगन के खिलाफ पहले भी मामले दर्ज है। इन तीनों ने ही गुरपाल और यादविंदर को बुलाया था कि वह गाड़ी लेकर आए। सभी लोग फंस गए। सतवीर हत्या के मामले में सजा भी काट चुका है।
2008 में एएसआई भर्ती हुआ था एसएचओ
आईजी एसटीएफ आरके जायसवाल ने बताया कि एसएचओ अमनदीप सिंह पंजाब पुलिस में बतौर एएसआई 2008 में भर्ती हुआ था। उसे भर्ती करने वाले भी वह खुद ही थे। उस समय वह लुधियाना में बतौर एसएसपी तैनात थे। एएसआई के तौर पर भी अमनदीप ने लुधियाना के कई थानों में कार्य किया। प्रमोट होने के बाद वह थाना कोतवाली में भी बतौर एसएचओ तैनात रहा। उसके बाद जालंधर और फिर थाना डिविजन सात में एसएचओ की तैनाती हुई। थाना डिविजन सात से कुछ समय पहले ही बदल कर अमनदीप सिंह थाना डिविजन दो में तैनात हुआ था।
एसएचओ का मेडिकल कराएगी एसटीएफ
एसएचओ अमनदीप सिंह गिल खुद नशा करता है या नहीं के सवाल पर आईजी जायसवाल ने बताया कि अभी यह कहना मुश्किल होगा कि वह नशा करता है या नहीं। दो दिन पहले गिरफ्तार किया गया हेड कांस्टेबल बलबीर तो नशा करता है, इसकी पुष्टि हो गई है। एसटीएफ की टीम ने उसकी मेडिकल जांच करवाई थी, जिसमें साफ हो गया है कि वह नशा करने के आदी है। अब एसटीएफ की टीम एसएचओ अमनदीप गिल का भी मेडिकल कराएगी। रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट किया जाएगा कि वह नशा करता है या नहीं। उन्होंने कहा कि टीम अब यह जांचने में जुटी है कि एसएचओ अमनदीप गिल नशा तस्करों के संपर्क में कितने समय से था और वह पहले भी नशा तस्करी के धंधे में संलिप्त रह चुका है या नहीं।
विभाग के बजाए साथ रखता था निजी ड्राइवर
एसएचओ अमनदीप सिंह गिल के साथ गिरफ्तार किया गया उनका ड्राइवर अजय पिछले करीब नौ साल से नौकरी कर रहा है। अमनदीप सिंह ज्यादातर अजय को ही अपने साथ रखता था। पुलिस टीम आरोपी अजय से पूछताछ कर पता लगाने में जुटी है कि वह किन-किन गलत कार्यो में संलिप्त था। पुलिस की टीमें अलग-अलग तरीकों से जांच कर रही है। आईजी आरके जायसवाल का कहना है कि अभी इस मामले में कई और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।