Last farewell to Goa leader Manohar Parrikar, given with state honor
नेशनल न्यूज डेस्कः गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय ग्रह मंत्री मनोहर पर्रिकर के अंतिम संस्कार के समय सड़कों पर लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। हर कोई अपने प्रिय जन नेता को आखिरी विदाई देना चाहता था। कला अकादमी से उनकी अंतिम यात्रा जब मीरामार बीच के लिए निकली तो लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। अंतिम विदाई देने के लिए नेता और आम आदमी सब उनके पार्थिव शऱीर के साथ चल रहे थे। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी मीरामार में उपस्थित थे। अंतिम संस्कार स्थल पर उन्हें लोगों ने श्रद्धांजलि दी और फिर मीरामार बीच पर ही पूर्ण सैन्य एवं राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया । इससे पहले पर्रिकर का पार्थिव शरीर गोवा बीजेपी कार्यालय में लाया गया। पार्टी कार्यकर्ता उन्हें अंतिम विदाई दे सकें। तिरंगे में लिपटा पर्रिकर का पार्थिव शरीर जब भाजपा कार्यालय में लाया गया तो वहां माहौल गमगीन हो गया और उनके सैकड़ों समर्थकों की आंखें नम हो गईं। पर्रिकर का पार्थिव शरीर लेकर आ रहे ट्रक ने पणजी के डोना पौला में उनके निजी आवास से पांच किलोमीटर की दूरी तय की। इस छोटे से तटीय राज्य से देश के रक्षा मंत्री बने पर्रिकर के पार्थिव शरीर के दर्शन करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्रिकर को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे । उन्होंने पर्रिकर के पार्थिव शरीर पर पुष्प चढाकर अपनी श्रद्धांजलि दी । उन्होंने पर्रिकर के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और उनके प्रति अपनी संवेदनाएं जताई। तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने भी पर्रिकर को आखिरी विदाई दी । रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पर्रिकर के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। इसके अलावा केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, तमाम सांसद, विधायक, विभिन्न दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूरे गोवा में सात दिन का शोक घोषित है । राज्य के तमाम इलाकों से लोग श्रद्धांजलि के लिए पहुंचे थे । मापुसा और पणजी सहित अधिकतर बाजार सुबह से ही बंद रहे। इससे पहले सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मनोहर पर्रिकर के निधन पर सोमवार को शोक प्रकट किया और कहा कि उन्हें उनकी सादगी के लिए और असाधारण प्रशासक के रूप में याद किया जाएगा। पर्रिकर के सम्मान में दो मिनट का मौन रखने के बाद कैबिनेट ने एक संकल्प पारित किया और कहा कि उनके निधन से देश ने एक सक्षम प्रशासक खो दिया जिन्हें स्नेहपूर्वक 'आम लोगों का मुख्यमंत्री' कहा जाता था।प्रस्ताव में कहा गया है, ''पर्रिकर को उनकी सादगी और एक असाधारण प्रशासक के रूप में उनकी क्षमताओं के लिये याद किया जाएगा। आधुनिक गोवा के निर्माण और भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के साथ पूर्व सैनिकों की बेहतरी के लिये उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता । '' मनोहर पर्रिकर के निधन पर जयपुर में शोकसभा का आयोजन किया गया। सूचना और प्रसारण मंत्री समेत कई गण्यमान्य लोगो ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर राजवर्धन राठौर ने कहा कि देश की रक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को सदा याद किया जाएगा।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को उनके निजी आवास पर निधन हो गया। वह 63 वर्ष के थे। चार बार के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर फरवरी 2018 से ही अग्नाशय संबंधी बीमारी से पीड़ित थे। 13 दिसंबर, 1955 को गोवा के मापुसा में जन्मे पर्रिकर की शिक्षा लोयोला स्कूल, मडगांव में हुई और उसके बाद उन्होंने 1978 में स्नातक की उपाधि, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्बई से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए। पर्रिकर ने दो दशक से अधिक समय तक राज्य में पणजी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। उनकी सादगी, मृदुभाषिता और आम लोगों के बीच ही रहने और उनके लिए काम करने का तरीका हमेशा ही याद रखा जाएगा। एक विधायक,मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री के तौर पर उनके योदगान को देश कभी नहीं भूलेगा।