Good news: Thoughts on the live telecast of Supreme Court hearing, app launch for media persons
न्यूज डेस्क, नई दिल्लीः देश के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के सीधे प्रसारण के प्रस्ताव पर वह गंभीरता से विचार कर रहे हैं। न्यायमूर्ति रमण ने हालांकि, यह भी कहा कि कोई भी ठोस कदम उठाने से पहले वह शीर्ष अदालत में अपने सभी सहकर्मियों के साथ इस पर विचार करना चाहेंगे।
न्यायालय की सुनवाई में मीडियाकर्मियों को वर्चुअल तरीके से शामिल होने की अनुमति देने संबंधी एप्लीकेशन (एप) के लांच पर न्यायमूर्ति रमण ने उक्त बात कही। बतौर पत्रकार अपने दिनों को याद करते हुए प्रधान न्यायाधीश रमण ने कहा कि रिपोर्टिंग में मीडिया को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उन्हें पता चला है कि अदालती सुनवाई पर खबरें लिखने के लिए पत्रकारों को वकीलों पर निर्भर होना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर ऐसी प्रक्रिया विकसित करने का अनुरोध किया गया था जिसकी मदद से मीडिया कर्मी सुनवाई में शामिल हो सकें। न्यायमूर्ति ने कहा, 'मैं कुछ वक्त के लिए पत्रकार था। उस वक्त हमारे पास कार या बाइक नहीं थी। हम बस में यात्रा करते थे क्योंकि हमसे कहा गया था कि आयोजकों से परिवहन सुविधा नहीं लेनी है।'
मीडिया से संसाधन (एप) का जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग करने और कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का अनुरोध करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि तकनीक, विशेष रूप से नई तकनीक संवेदनशील है और उपयोग के शुरुआती दिनों में कुछ दिक्कतें भी आ सकती हैं।
न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि छोटी-छोटी दिक्कतें आएंगी और उन्हें बेकार में बहुत बढ़ाया-चढ़ाया नहीं जाना चाहिए। मैं सभी से धीरज रखने और तकनीकी टीम का साथ देने का अनुरोध करता हूं ताकि एप्लीकेशन बिना किसी दिक्कत के सही तरीके से काम कर सके। मैं आशा करता हूं कि सभी लोग प्रणाली को बेहतर बनने और सही से काम करने का वक्त देंगे।
उन्होंने कहा कि मैं यह भी बताना चाहूंगा कि आज हम आधिकारिक वेबसाइट पर अतिरिक्त फीचर और सुप्रीम कोर्ट का मोबाइल एप भी लांच कर रहे हैं। 'इंडिकेटिव नोट्स' नाम से यह नया फीचर महत्वपूर्ण फैसलों का आसानी से समझ आने योग्य सारांश देगा। न्यायालय के फैसलों के बारे में जानने/समझने के इच्छुक मीडियाकर्मियों और आम जनता के लिए यह महत्वपूर्ण होगा।'
मीडियाकर्मियों को मान्यता देने के संबंध में न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि उन्होंने नीति को और तर्कसंगत बनाने का निर्देश दिया है और सुप्रीम कोर्ट तथा मीडिया के बीच संपर्क का एकल माध्यम स्थापित करने के लिए वह एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने पर विचार कर रहे हैं।