इंडिया न्यूज सेंटर, देहरादूनः उत्तराखंड में इन दिनों तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। जिसके चलते काली नदी समेत अन्य नदियां उद्गम स्थल पर जम चुकी हैं। यहां कई हिस्सों में पीने का पानी जम गया है. जिसके चलते लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हिमनगरी मुनस्यारी में पारा शून्य से चार डिग्री नीचे है। इसके चलते काली नदी एक साथ एक और नदी का पानी जम गया है। इसके अलावा खलिया से निकलने वाले नाले का पानी भी जम चुका है। इधर, मसूरी में भी नलों में पानी जमने के साथ ही कई जगह पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त भी हो गई हैं। ऐसी स्थिति राज्य के उन दूसरे क्षेत्रों की भी है, जहां पिछले शुक्रवार से गाहे-बगाहे बर्फबारी का सिलसिला बना हुआ है।
मुनस्यारी में दो दिन से पेयजल लाइनें जाम हैं, जिससे लोगों को दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। वहीं, सूबे के अन्य इलाकों में भी सर्द हवा के थपेड़े मुसीबत का सबब बने रहे। इस बीच गुरुवार को बदरीनाथधाम व हेमकुंड साहिब के अलावा पिथौरागढ़ जिले में व्यास, कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर हिमपात हुआ। उधर, मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में राज्य में मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि, अनेक स्थानों पर ‘कोल्ड डे कंडीशन’ बनी रह सकती है।
बता दें कि गोमुख से लेकर गंगोत्री धाम तक भागीरथी नदी का प्रवाह बेहद कम हो गया है। नदी में वाटर डिस्चार्ज कम होने पर भागीरथी नदी पर बनी जल विद्युत परियोजनाओं के बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ा है। दिसंबर माह तक गंगोत्री घाटी में बर्फबारी के साथ तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जिससे नदियों का पानी जमकर बर्फ बन जाता है। इस बार गंगोत्री धाम में जनवरी के शुरूआत में ठीकठाक बर्फबारी हुई।