` मुख्यमंत्री ने 18 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए केंद्र की टीकाकरण नीति को राज्यों के साथ पक्षपाती करार दिया, भारत सरकार से फंडों की की मांग

मुख्यमंत्री ने 18 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए केंद्र की टीकाकरण नीति को राज्यों के साथ पक्षपाती करार दिया, भारत सरकार से फंडों की की मांग

CENTRE’S VACCINE POLICY FOR 18+ UNFAIR TO STATES, SAYS PUNJAB CM, SEEKS GoI FUNDING SUPPORT share via Whatsapp

CENTRE’S VACCINE POLICY FOR 18+ UNFAIR TO STATES, SAYS PUNJAB CM, SEEKS GoI FUNDING SUPPORT


 ·        CITING REPORTS OF `HIJACKING’ OF O2 SUPPLIES COMING TO PUNJAB, ASKS CENTRE TO ENSURE COMPLIANCE WITH ALLOCATION COMMITMENTS


 ·        SAYS PUNJAB NOT RECEIVED ANY FRESH RESULTS ON VIRAL GENOME SEQUENCING FOR A MONTH


पंजाब आने वाली ऑक्सीजन की दो सप्लाईयों के हाईजैक होने की रिपोर्टों का हवाला दिया, केंद्र को आवंटन संबंधी वचनबद्धताओं का पालन यकीनी बनाने के लिए कहा


कहा, पंजाब में वायरस की बदलती किस्म बारे कोई ताज़ा नतीजा प्राप्त नहीं हुआ


इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए बनाई नयी टीकाकरण नीति को राज्यों के लिए पक्षपाती करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए शुरू होने वाले टीकाकरण के लिए केंद्र और राज्यों की बराबर हिस्सेदारी की माँग की है। इसके साथ ही उन्होंने उपयुक्त ऑक्सीजन सप्लाई यकीनी बनाने के लिए ज़रूरी कदम उठाने की माँग भी की है।

गंभीर कोविड मरीज़ों के इलाज के लिए सबसे अधिक ज़रूरी दवा के तौर पर इसकी गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा ऑक्सीजन की माँग को कम से कम करने के लिए सभी उपाय अपनाए जा रहे हैं। कोरोना महामारी के साथ सबसे अधिक प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ कोविड की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बुलाई गई वर्चुअल कॉन्फ्ऱेंस में उन्होंने माँग की कि भारत सरकार यह ज़रूर यकीनी बनाए कि दूसरे राज्यों में लिक्विड ऑक्सीजन उत्पादकों द्वारा इसके आवंटन संबंधी अपनी सभी वचनबद्धताओं का पालन किया जाये। उन्होंने कहा, ’’मौजूदा समय में यह हो नहीं रहा। पंजाब में ऑक्सीजन की सप्लाई हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से होती है और सप्लाई को हाईजैक किये जाने की खबरें हैं।’’

टीकाकरण की मुहिम बारे मुख्यमंत्री ने बताया कि एक निर्माता द्वारा घोषित की गई दरों पर पंजाब सरकार को 1000 करोड़ रुपए से अधिक लागत आयेगी। उन्होंने टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार की फंडिंग की माँग की और अंतरिम तौर पर एस.डी.आर.एफ. फंड में से जायज खर्च करने की आज्ञा दी जाये।

उन्होंने आगे कहा कि आखिरी टीकाकरण बूथ तक सप्लाई चेन जारी रखने के लिए रेगुलर टीकाकरण सप्लाई ज़रूर यकीनी बनाई जाये। उन्होंने कहा कि सप्लाई की कमी के कारण पिछले एक हफ्ते से टीकाकरण मुहिम की रफ़्तार घटी है जोकि 75-80,000 रोज़ाना की है। उन्होंने यह बात ज़ोर देकर कही कि पंजाब को कल ताज़ा सप्लाई मिली है और टीकाकरण की माँग बढऩे से मौजूदा स्टॉक सिर्फ़ तीन दिन तक ही चलेगा।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने 1 मई के बाद केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे टीके की मात्रा बारे स्पष्टता की कमी और अलग-अलग राज्यों और प्राईवेट खरीददारों को की जाने वाली सप्लाई को नियमित करने संबंधी चिंता ज़ाहिर की। उन्होंने बताया कि 18-45 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण संबंधी रणनीति तैयार करने बारे सलाह-मशवरे के लिए राज्य सरकार द्वारा वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कंग के नेतृत्व में एक माहिरों का समूह बनाया है। केंद्र द्वारा इसमें राज्यों को अपनी कीमत पर टीका लगाने की आज्ञा दी गई है।

मुख्यमंत्री ने रैमेडैसिवर और टोसी जैसी दवाओं की कमी और काला बाजारी की तरफ भी इशारा किया जो मीडिया और आम लोगों में बहुत दहशत पैदा कर रही है। हालाँकि केंद्र सरकार इनकी सप्लाई बढ़ाने के लिए यत्न कर रही है परन्तु लोगों को यह बताने के लिए एक स्पष्ट संदेश देना पड़ेगा कि उनके पास जादू की छड़ी नहीं है और इनके विकल्प भी उपलब्ध हैं। राज्य में एंटी-वायरल रैमेडैसीवर टीकों की कमी और टोसी टीकों की जीरो उपलब्धता की तरफ इशारा करते हुये उन्होंने कहा कि हालाँकि अस्पताल गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रोटोकोल की पालना कर रहे हैं और वैकल्पिक दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं।

8 अप्रैल को हुई पिछली वीडियो काँफरेंसिंग के दौरान 8 प्रतिशत पॉजिटिविटी के साथ 3000 प्रति दिन मामलों से पिछले एक हफ्ते में 10 प्रतिशत पॉजिटिविटी के साथ मामलों में 5000 प्रति दिन विस्तार होने का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधान मंत्री से अपील की कि वह केंद्रीय संस्थाओं जैसे कि एमज बठिंडा, पी.जी.आई. सैटेलाइट केंद्र और पंजाब के मिलिट्री अस्पताल को अतिरिक्त कोविड बैड मुहैया कराने के लिए आदेश दें। राज्य में 1.4 प्रतिशत मौत दर के साथ कोविड की गंभीर स्थिति की तरफ इशारा करते हुये उन्होंने कहा कि सी.एस.आई.आर. की तरफ से पेशकश किया बुनियादी ढांचा इस मकसद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

इस तथ्य पर चिंता जाहिर करते हुए कि पिछले लगभग एक महीने के दौरान वायरल की बदल रही किस्म पर पंजाब को कोई ताजा नतीजा प्राप्त नहीं हुआ, जबकि पिछले नतीजों में 85 प्रतिशत ब्रिटेन का स्ट्रेन देखा गया था, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधान मंत्री को वायरस के बदल रहे रूप को समझने की कोशिशें बढ़ाने और इनके समाधान के लिए सही नीतिगत प्रतिक्रिया के लिए आदेश देने की अपील की। उन्होंने भारत सरकार को वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कोविड सम्बन्धी उचित व्यवहार पर सहमति प्रकट करने की अपील भी की।

प्रधान मंत्री को कोविड के फैलाव से निपटने के लिए अपनी सरकार की तरफ से सर्वोत्तम यतनों का भरोसा देते हुये उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से सख्त अमल के साथ कई तरह के रोकथाम उपाय किये गए हैं। उन्होंने राज्य के कुछ उपायों के बारे बताया और कहा कि विशेष निगरान टीमों के साथ माईक्रो कंटेनमैंट जोनों में विस्तार किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कोविड मरीजों के इलाज में विस्तार कर दिया गया है और सभी अस्पतालों को कोविड मरीजों के लिए 75 प्रतिशत बैंड आरक्षित रखने और 15 मई तक सभी चुनिंदा आप्रेशनों को मुलतवी करने के लिए कहा गया है। उन्होंने आगे कहा कि स्तर -2 पर 29-30 प्रतिशत और स्तर -3 पर 42 प्रतिशत बैड प्रयोग अधीन हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में हिमाचल प्रदेश, जम्मू, हरियाणा और दिल्ली से इलाज के लिए मरीज आ रहे हैं जो संभावित तौर पर स्थानीय लोगों के रिश्तेदार हैं।

मीटिंग के दौरान टेस्टिंग और कंटैकट ट्रेसिंग सम्बन्धी उन्होंने बताया कि टेस्टिंग 8 अप्रैल को हर रोज 35-40,000 टैस्ट से एक दिन में 55 -60,000 टैस्टों तक पहुँच गई है। पंजाब में प्रति मिलियन आबादी के पीछे टेस्टिंग राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा काफी अधिक है। उन्होंने प्रधान मंत्री को बताया कि कंटैकट ट्रेसिंग बड़ा कर 17.5 की गई है और हम इसको 20 से ऊपर पहुँचाने के लिए काम कर रहे हैं।

 

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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