There may be a change in the interest rate of small savings schemes from July 1
न्यूज डेस्क, नई दिल्ली: पैसा तो हर कोई कमाना चाहता है लेकिन कई बार फाइनेंशल प्लानिंग के बावजूद हम अपना वित्तीय लक्ष्य हासिल नहीं कर पाते। ऐसे में कोरोना महामारी के दौर में कई लोग सरकारी योजनाओं में निवेश कर रहे हैं, जिनसे उनको फायदा हो रहा है। पोस्ट ऑफिस में निवेशकों के लिए तमाम तरह की जमा योजनाएं उपलब्ध हैं। इन्हें छोटी बचत योजना भी कहते हैं। अब इन छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज दर में कटौती हो सकती है।
नई ब्याज दरों में कटौती संभव
सरकार हर तिमाही में सुकन्या समृद्धि योजना, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), मासिक आय योजना और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना जैसी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें तय करती है। नई दरें एक जुलाई से लागू होंगी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अगली तिमाही से लागू होने वाली नई ब्याज दरों में कटौती संभव है। छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज की उच्च दरों के कारण, केंद्रीय बैंक व्यापक अर्थव्यवस्था में कम उधारी लागत के लिए संघर्ष कर रहा है। इसलिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर बैलेंस शीट में बदलाव की कवायद जारी है। हालांकि इस मामले में अभी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
इन योजनाओं की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इन पर सरकार का हाथ है और कुछ योजनाओं में सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है। इतनी है ब्याज दर-
सेविंग डिपॉजिट पर चार फीसदी ब्याज
एक साल की टाइम डिपॉजिट पर 5.5 फीसदी ब्याज
दो साल की टाइम डिपॉजिट पर 5.5 फीसदी ब्याज
तीन साल की टाइम डिपॉजिट पर 5.5 फीसदी ब्याज
पांच साल की टाइम डिपॉजिट पर 6.7 फीसदी ब्याज
पांच साल की रिकरिंग डिपॉजिट पर 5.8 फीसदी ब्याज
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर 7.4 फीसदी ब्याज
मासिक इनकम खाता पर 6.6 फीसदी ब्याज
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 6.8 फीसदी ब्याज
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर 7.1 फीसदी ब्याज
किसान विकास पत्र पर 6.9 फीसदी ब्याज
सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6 फीसदी ब्याज