18 percent GST exemption on export closed, the cost of goods exported from Punjab will increase
न्यूज डेस्क,चंडीगढ़: निर्यात के लिए एक्सपोर्ट फ्रेट पर मिलने वाली 18 फीसदी जीएसटी की छूट को केंद्र ने वापस ले लिया है। इससे खासकर पंजाब के उन उद्योगों को बड़ा झटका लगा है, जो यहां से बड़ी मात्रा में वस्तुओं का निर्यात करते हैं। उद्योगों को मिलने वाली यह छूट मूल रूप से 30 सितंबर 2021 तक थी, जिसे पिछले साल जीएसटी परिषद की बैठक में एक साल के लिए बढ़ाया गया था। 30 सितंबर को इसे बंद कर दिया गया है।
माना जा रहा है कि इस छूट को समाप्त करने से निर्यात वस्तुओं की लागत में वृद्धि होगी और उनके लाभ मार्जिन पर भी असर पड़ेगा। निर्यातकों का कहना है कि सरकार को इस छूट को जारी रखने पर विचार करना चाहिए। अपैरल टेक्नोलॉजी एंड कॉमन फैसिलिटी सेंटर के अध्यक्ष विनोद थापर का कहना है कि निर्यात पर जीएसटी में दी जाने वाली छूट को बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह उन निर्यातकों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है जो पहले से ही श्रम की बढ़ी हुई लागत, कच्चे माल और विदेशों में डिलीवरी में देरी जैसी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस बारे में एक ज्ञापन भेजा है, जिसमें उनसे इस छूट को कम से कम दो साल और बढ़ाने का आग्रह किया गया है। अन्यथा भारतीय निर्यातक वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाएंगे, जिसका सीधा असर कारोबार पर पड़ेगा। वहीं, लुधियाना के प्रमुख सीए विकास गोयल ने बताया कि इससे व्यापारियों के लिए माल ढुलाई की लागत बढ़ जाएगी और उनके कारोबार पर असर पड़ सकता है।
इंपोर्टर एंड एक्सपोर्टर क्लब पंजाब के अध्यक्ष रोहित गुप्ता का कहना है कि माल निर्यात पर 18 प्रतिशत सब्सिडी समाप्त होने से निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा, क्योंकि माल ढुलाई पर अतिरिक्त खर्च लाभांश को कम कर देगा। केंद्र सरकार को इस छूट को फिर से शुरू करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि पहले से ही सब्सिडी और प्रोत्साहन या तो वापस ले लिए गए हैं या उनके लाभ वर्षों से कम हो गए हैं। सरकार को इस ओर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उल्लेखनीय है पंजाब से बड़ी मात्रा में अनाज, टेक्स्टाइल, यार्न और अन्य वस्तुएं बाहरी देशों को निर्यात की जाती हैं।