` RBI खरीदेगा 20 हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड्स बाजार पर क्या होगा असर...?

RBI खरीदेगा 20 हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड्स बाजार पर क्या होगा असर...?

RBI will buy 20 thousand crore rupees bonds, what will be the effect on the market share via Whatsapp

RBI will buy 20 thousand crore rupees bonds, what will be the effect on the market

बिजनेस डेस्कः
केंद्रीय बैंक ओपेन मार्केट ऑपरेशन के जरिए 10 फरवरी को ​20,000 करोड़ रुपये के सरकारी सिक्योरिटीज (Govt. Securities) खरीदेगा। पिछले सप्ताह सरकार द्वारा उधार प्रोग्राम (Borrowing Program) की जानकारी देने के बाद 10-साल वाले बॉन्ड्स का यील्ड तेजी से बढ़ा था। आज के ऐलान के बाद 10-साल का बॉन्ड यील्ड (10-Year Bond Yields) 6.071 फीसदी से घटकर 6.034 फीसदी पर आ गया है। इसके पहले​ शुक्रवार को गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति बैठक के बाद कहा था कि ​लिक्विडिटी को लेकर RBI की नीति उदार होगी।

RBI ने यह भी कहा था कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में सरकार के 12.05 ट्रिलियन रुपये का उधार लेने वाले प्रोग्राम से कोई खास असर नहीं होगा। RBI द्वारा इस ऐलान के बाद भी शुक्रवार को बॉन्ड यील्ड में तेजी रही. दरअसल, निवेशकों के बॉन्ड खरीदारी को लेकर RBI से और स्पष्टता की तलाश थी।
नीलामी के जरिए और भी खरीदारी कर सकता है आरबीआई
आरबीआई ने शुक्रवार को कहा, 'मौजूदा लिक्विडिटी और वित्तीय स्थितियों के रिव्यू के बाद रिज़र्व बैंक ने ओपेन मार्केट ऑपरेशन के जरिए 10 फरवरी को 20,000 करोड़ रुपये के सरकारी सिक्योरिटीज खरीदने का फैसला किया है। अनुमान है कि सरकार के उधार कार्यक्रम को सपोर्ट करने के लिए केंद्रीय बैंक नीलामी के जरिए और भी खरीदारी कर सकता है।
उधार को लेकर क्या है सरकार की योजना?
बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार मार्केट से 12.05 लाख करोड़ रुपये उधार लेगी। चालू वित्त वर्ष की 12.80 लाख करोड़ रुपये की तुलना में यह कम है। रिवाइज किए गए अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के लिए कुल उधार की लिमिट बढ़ाकर 12.80 लाख करोड़ रुपये किया गया था। जबकि, बजट में अनुमान 7.8 लाख करोड़ रुपये का ही लगाया गया था।
वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए बाजार से पैसे उठाती है सरकार
कुल उधार में पुराने लोन्स का रिपेमेंट भी शामिल होगा। अगले वित्त वर्ष में लोन रिपेमेंट की रकम 2.80 लाख करोड़ रुपये होगी। केंद्रीय सरकार अपने वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए सिक्योरिटीज और ट्रेजरी बिल्स (Treasury Bills) के जरिए बाजार से पैसे उठाती है। इसके बाद ​वित्त अगले वर्ष में कुल उधार कम होकर 9.24 लाख करोड़ रुपये पर आ जाएगा। जबकि, चालू वित्त वर्ष में इसके 10.52 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
क्यों सरकारी बॉन्ड की खरीद-बिक्री करता है RBI
ओपेन मार्केट ऑपरेशन के जरिए आरबीआई लिक्विडिटी को मेन्टेन करता है। जब आरबीआई को सिस्टम में कुछ लिक्विडिटी डालनी होती है तो वो ओपेन मार्केट के जरिए बॉन्ड्स की खरीदारी करता है। इसके उलट जब आरबीआई को बाजार में लिक्विडिटी कम करनी होती है, तब वो बॉन्ड की बिक्री करता है।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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