Continuation of death of children in Kota continues, Minister arrived at hospital
नेशनल डेस्कः राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में नवजातों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मौत का आंकड़ा 105 पहुंच तक गया है। वहीं, एक जनवरी को तीन बच्चों ने दम तोड़ दिया, जबकि वीरवार को एक बच्चे की मौत हुई थी। कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा पीड़ितों से मिलने और घटनाक्रम की जानकारी लेने के लिए जेकेलोन अस्पताल पहुंच गए हैं। मंत्रियों के स्वागत में प्रशासन ने हरे रंग का कारपेट बिछाया था। दौरे को देखते हुए प्रशासन ने अस्पताल में रंग-रोगन भी करवाया। कोटा के जेकेलोन अस्पताल पहुंचे मंत्रियों को भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया है। अशोक गहलोत ने कहा कि देश के अंदर, प्रदेश के अंदर, कई जगह, अस्पताल के अंदर कुछ कमियां मिलेंगी। उसकी आलोचना करने का हक मीडिया और लोग रखते हैं, उससे सरकार की आंखे खुलती हैं और सरकार उसको सुधारती है। कोटा के सरकारी अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के मामले में अब केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई है। गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से फोन पर बात करने के बाद विशेषज्ञ दल भेजने के निर्देश दिए। दल अस्पताल में कमियों का विश्लेषण करने बाद तत्काल जरूरी कदमों की अनुशंसा करेगा। इसमें जोधपुर एम्स के बाल चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह, मंत्रालय के वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ. दीपक सक्सेना, एम्स जोधपुर के निओनेटोलॉजिस्ट डॉ. अरुण सिंह और एनएचएसआरसी सलाहकार डॉ. हिमांशु भूषण शामिल हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि विशेषज्ञों का दल राज्य सरकार के साथ मिलकर कोटा मेडिकल कॉलेज में मातृ, नवजात शिशु और बाल चिकित्सा देखभाल सेवाओं की समीक्षा करेगा। साथ ही कमियों के विश्लेषण के आधार पर संयुक्त कार्य योजना भी बनाएगा। ताकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के जरिए कोटा मेडिकल कॉलेज को वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके। विशेषज्ञ दल के सदस्य राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ जे.के. लॉन अस्पताल और मेडिकल कॉलेज कोटा में तीन जनवरी को पहुंचेंगे। इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्र को भी भेजेंगे। हर्षवर्धन ने कहा कि हम इस मामले में हर तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने को तैयार हैं।
गौरतलब है कि कोटा जेके लोन अस्पताल में 30-31 दिसंबर को नौ नवजातों की मौत के साथ अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या 100 पहुंच गई थी। पिछले दो दिनों में चार और बच्चों की मौत हो गई। दूसरी ओर, अस्पताल के शिशु रोग विभाग के प्रभारी डॉ एएल बैरवा ने कहा, यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी। 2019 में आंकड़ा घटा है। ज्यादातर मौत जन्म के समय कम वजन के कारण हो रही हैं।