` धनतेरस कब हैं और क्या करें खरीदारी और क्या नहीं, क्या है धनतेरस के पूजा मुहूर्त

धनतेरस कब हैं और क्या करें खरीदारी और क्या नहीं, क्या है धनतेरस के पूजा मुहूर्त

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ज्योतिष आचार्या रेखा कल्पदेव
नई दिल्लीः
नमस्कार मित्रों, कैसे हैं आप सब, जल्द ही धनतेरस आने वाली हैं। धनतेरस को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि धनतेरस कब हैं?  इस दिन क्या खरीदारी करें और क्या नहीं? साथ ही इस परेशानी इसके पूजा मुहूर्त को लेकर भी हैं। आपकी इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कब हैं धनतेरस? इस साल धनतेरस 25 अक्तूबर 2019 के दिन मनाया जाएगा। धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि देव की जयंती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्वति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस को धवंतरि देव की जयंती भी कहा जाता है। इसी वजह से धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दिवाली की शुरुआत हो जाती है। धनतेरस को लेकर शास्त्र क्या कहते हैं ? शास्त्रों में इसके क्या नियम हैं ?

आईये जानें
पहला नियम है कि धनतेरस कार्तिक मास में कॄष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है, यहां उदव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरु होती है तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए। धनतेरस के दिन प्रदोष काल मतलब सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है।

धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म

•    मानव जीवन का सबसे बड़ा धन निरोगी काया है। उत्तम स्वास्थ्य है। इसलिए आयुर्वेद के देव धंवतरि के अवतरण दिवस यानि धनतेरस पर स्वास्थ्य रुपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। 
•    धनतेरस पर धंवतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन, दक्षिणायुक्त तांबुल, आरती और परिक्रमा आदि है।
•    धनतेरस पर पीतल और चांदी के बरतन खरीदने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन बर्तन खरीदने से धन समृद्धि होती है। इसी आधार पर इसे धन त्रयोदशी या धनतेरस कहते है। 
•    इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीये जलाने चाहिए। क्योंकि धनतेरस से ही दीवापली के त्यौहार की शुरु होती है।
•    धनतेरस के दिन शाम के समय यम देव के निमित दीपदान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मृत्यु के देवता यमराज के भय से मुक्ति मिलती है।
•    जी हां, इस आप झाडू की खरीदारी अवश्य करें
•    धनतेरस के दिन आ सोना खरीदते हैं यह अच्छी बात है लेकिन याद रहें इस दिन यदि आप झाडू खरीदते है तो यह शुभ है। क्योंकि झाड़ी ही आपके घर द्वार को स्वच्छ रखती है। इस  दिन भगवान विष्णु, राम और लक्ष्मी जी के चरणों का आगमन आपके घर होता है। इसलिए झाडू की पूजा करना भी इस दिन शुभ माना जाता है।
•    इस दिन पीने के पानी के बर्तन खरीदें।
•    इस खास पर्व पर आप मिट्टी की बनी हुई 11 या 9 दीयों वाली लक्ष्मी जी की मूर्ति भी जरुर खरीदें। यह आपके लिए शुभफलदायी रहेगी।

धनतेरस पर खरीदारी करने के शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन सूर्योदय से लेकर सुबह 10:40 से लेकर दोपहर 12:05  तक का समय खरीदारी के लिए अनुकूल और शुभ बना हुआ है। इसके अलावा  दोपहार 12:05 से लेकर 02:43 मिनट तक का समय भी इस लिहाज से उत्तम है। सायं काल में आप 04:17 से लेकर 05:42 मिनट के बीच खरीदारी कर सकते हैं।  रात्रि में आप 09 बजे से लेकर 10:30 के बीच खरीदारी की जा सकती है। यहां ध्यान रखें कि आपको 10:40 से लेकर 12:05 के बीच के समय में बिल्कुल खरीदारी नहीं करनी है, यह समय राहुकाल का समय हैं, इस समय में खरीदारी करने से आपको बचना होगा। अन्यथा आपका व्यय व्यर्थ हो सकता है। आप सभी मित्रों को एक बार फिर से धनतेरस की हार्दिक शुभकामनायें, देव धनवंतरि की कॄपा आप पर बनी रहें, आप स्वस्थ रहें, धन-धान्य से पूर्ण रहें। अगर यह विडियों आपको पसंद आया तो कॄपया लाईक, शेयर और सबस्क्राईब करना ना भूलें मित्रों, क्या पता आपका एक लाईक, एक शेयर किसी के जीवन की दिशा बदले दें।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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