Budget 2021: Government will establish Bad Bank, know what its objectives are
बिजनेस डेस्कः सोमवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंको को NPA से उबारने के लिए 'बैड बैंक' बनाने का फैसला किया है। इस बैड बैंक को डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टिट्यूशन के नाम से जाना जाएगा। इस बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बैंको को डूबे कर्ज से बाहर निकालना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की है। बता दें कि इससे पहले इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट 2020-21 पेश करने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने भी इसकी वकालत की थी।
बता दें कि बैंक काफी समय से बैड बैंक की स्थापना की मांग कर रहे हैं, जिससे कोरोना जैसे कठिन समय में डूबे कर्ज का दबाव कम हो सके। इस तरह के बैंक विश्व के कई देशों में काम कर रहे हैं। इन बैंकों का काम पीएसयू बैंक को बैड एसेट्स को गुड ऐसेट्स में बदलना होता है।
इसका लक्ष्य कई जटिल मुद्दो को सुलझाकर बैंकों को बिजनेस पर फोकस करने के लिए स्वतंत्र रखना है। गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) वाला एक वित्तीय संस्थान मार्केट वैल्यू पर बैड बैंक को अपनी होल्डिंग बेच सकता है, जिससे उन्हें अपनी बैलेंस शीट को क्लियर करने में मदद मिलती है।
आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने सितंबर-2020 से सितंबर 2021 के अपने लेटेस्ट फाइनेंसियल स्टेबिलिटि रिपोर्ट में सभी कॉमर्शियल बैंकों के ग्रोस नॉन परफॉर्मिंग असेट्स(GNPA) रेशियो के 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 13.5 फीसदी होने की उम्मीद जताई थी। रिपोर्ट के मुताबिक अगर इसमे सुधार नहीं की जाएगी तो वर्ष 2022 तक ग्रॉस एनपीए (GNPA) रेशियो बढ़कर 14.8 फीसदी हो सकता है।