Engineering Department: Concrete track of 600 meter crumbling rail track of Ludhiana railway station constructed in 108 hours
एक-तिहाई समय में बलास्टलेस ट्रैक बनाने की उपलब्धि हासिल की गयी
कंक्रीट ट्रैक में परिवर्तित होने से ट्रेनों की संरक्षा और रेल यात्रियों की सुरक्षा होगी
इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधरः अनलॉकडाउन-2 में फिरोजपुर मंडल के इंजिनियरिंग विभाग द्वारा लुधियाना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या-2 के ट्रैक को एक नई तकनीक लगाकर 108 घंटे में 600 मीटर लम्बे ट्रैक को कंक्रीट ट्रैक में परिवर्तित कर दिया है। यहां बताना जरुरी है कि रेलवे का यह ट्रैक पहले लकड़ी के स्लीपर वाला था। लगभग 300 कंक्रीट के स्लीपरों को असंकुचित-स्वप्रवाह युक्त मेटिरियल द्वारा भरा गया।
इस अत्याधुनिक सामग्री के प्रयोग की तकनीक को भारतीय रेलवे के सिविल संस्थान, पुणे द्वारा जून, 2015 में प्रकाशित किया गया था। जो कि वर्तमान अनुराग कुमार, वरिष्ठ मंडल अभियंता द्वारा प्रस्तुत किया गया। लगभग 120 पुराने स्लीपरों को नए स्लीपरों से बदल दिया गया एवं पुरे ट्रैक की रेलों को नवीनीकृत कर वेल्डिंग कर दिया गया है। इस तकनीक से वर्तमान में प्रायोजित तकनीक की अपेक्षा लगभग एक-तिहाई समय में बलास्टलेस ट्रैक बनाने की उपलब्धि हासिल की गयी है। अनलॉकडाउन-2 में यह कार्य ट्रेनों के संचालन को प्रभावित किए बिना सुगमता एवं कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया गया जो कि सामान्य समय में ट्रेन-संचालन को प्रभावित किए बिना संभव नहीं था। इससे अब स्टेशन पर ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी तथा उनकी संरक्षा भी सुनिश्चित होगी और रेल यात्रियों की सुरक्षा भी होगी।
सहायक अभियंता, लुधियाना एवं इनके सब-डिवीज़न के सभी रेलकर्मियों ने इस कार्य में सराहनीय योगदान दिया। यह कार्य भीषण गर्मी के दौरान किया गया जो कि अत्यधिक कठिनाई वाला था। मंडल रेल प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने बताया कि इस तकनीक से मंडल के अन्य सभी स्टेशनों के कंक्रीट ट्रैक प्लेटफार्मों के सुदृधिकरण एवं नवीनीकरण करने की योजना तैयार की जा रही है।