इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन पूरी दुनिया को इस बीमारी के खिलाफ एकजुट होकर लडऩे का मौका देता है। एड्स पहली ऐसी बीमारी थी जिसके लिए सन 1988 में पूरी दुनिया ने एक साथ होने के लिए 1 दिसंबर को चुना। जिसका उद्देश्य, एचआईवी एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथ को दूर करते हुए लोगों को शिक्षित करना था। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बीमारी का पहला केस जो 1981 में सामने आया था, जब से लेकर अब तक करीब 39 मिलियन से ज्यादा लोग इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार सहारा अफ्रीका में एचआईवी के सबसे ज्यादा मरीज यानी 24.7 मिलियन मरीज हैं और यह आकंडा पूरी दुनिया में पाए जाने वाले मरीजों का 71 प्रतिशत है। विश्व एड्स दिवस पर आप स्कूल, कॉलेज, दोस्तों या फिर सोशल मीडिया जैसे फेसबुक या ट्विटर पर भी चर्चा कर जागरुकता ला सकते हैं। यह दिन आपको सोशल और कल्चरल बाउंड्रीज से बाहर निकल कर इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रयासों की आजादी देता है। यह दिन इस बीमारी के इंफेक्शन के शरीर में आने वाले सभी कारणों से आपको अवगत कराकर आपको एचआईवी- एड्स से सुरक्षित रखने में मदद करता है। आप इस दिन लाल रंग का रिबन जो इस बीमारी के खिलाफ जंग का चिन्ह है, को पहनकर भी अपना सहयोग प्रदर्शित कर सकते हैं।