` इनमें से एक होगा भाजपा का सीएम कैंडीडेट

इनमें से एक होगा भाजपा का सीएम कैंडीडेट

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इंडिया न्यूज़ सेंटर, लखनऊ । प्रदेश में तीनों बड़ी पार्टियों के करीब-करीब सीएम कैंडीडेट तय हो जाने के बाद अब भाजपा हार्इकमान पर सीएम कैंडीडेट तय करने का दबाव बढ़ गया है। इस मामले में अभी तक भाजपा और संघ में एक राय नहीं बन पार्इ है। लेकिन दोनों की ओर से एक बात तय हो गर्इ है कि अगले महीने तक सीएम कैंडीडेट तय कर दिया जाए। ताकि पार्टी कार्यकर्ता उसी के अनुसार मिशन यूपी में जुट सके। इसके लिए दोनों की ओर से एक और सर्व कराए जाने की तैयारी चल रही है। ताकि लोगों और पार्टी कार्यकर्ताआे से राय ली जा सके कि आखिर वो किस चेहरे को सीएम कैडीडेट के तौर पर देखना चाहते हैं। किया जाएगा फिर से सर्वे पार्टी सूत्रों की मानें तो सभी कार्यकर्ताओं और लोगों से फॉर्म फिल कराए जाएंगें। जिसमें उनके नाम के साथ सवाल होगा कि वो किसे प्रदेश में पार्टी की ओर से किस चेहरे का देखना चाहते हैं। वहीं इसमें चार से पांच चेहरों के विकल्प भी दिए जा सकते हैं। बीजेपी और संघ दोनों ही अपने सर्वे अलग-अलग कराएंगे। उसके बाद दोनों के सर्वें का तुल्नात्मक अध्ययन किया जाएगा। जिसके बाद ही सीएम कैंडीडेट का चुनाव किया जाएगा। आपको बता दें कि इसस पहल भी दोनों की ओर से दो-दो सर्वें कराए जा चुके हैं। लेकिन कोर्इ खास रिजल्ट नहीं निकल सका है। अब इस दोनों सर्वे को केंद्र के अधिकारी तय करें। ताकि बाद में कोर्इ कंफ्यजन ना हो। इन नामों पर हो सकता है सर्वे वहीं सर्वे में नामों की बात करें तो कर्इ नामों की चर्चा हो सकती है। सूत्रों की मानें तो चार से पांच नामों पर दोनों ओर से सर्वे कराया जाएगा। जिसमें वरुण गांधी, स्मृति र्इरानी, योगी आदित्यनाथ, महेश शर्मा, केशव प्रसाद मौर्य के नाम लिए जा रहे हैं। इनमें कुछ नाम बीजेपी तो कुछ नाम संघ की ओर से सजेस्ट कराए गए हैं। सूत्रों की मानें तो सर्वे के बाद जो नाम सामने आएं उसे ही फाइनल कर दिया जाएगा। पार्टी पदाधिकारियों की मानें तो अक्टूबर तक नाम फाइनल कर दिया जाएगा। ताकि चुनाव की तैयारियों को और भी ज्यादा अपनी धार दी जा सके। हो चुका है पहले भी नुकसान बिहार, दिल्ली और बाकी राज्यों में हुए चुनावों को देखकर इस बार डिसीजन लिया जा रहा है कि यूपी चुनावों में सीएम कैंडीडेट चेहरे के साथ चुनाव लड़ा जाए। बार-बार पीएम को सामने लाकर चुनाव लड़ना पीएम की साख का बट्टा लगाने जैसा है। वहीं चौतरफा दबाव भी पार्टी और संघ को झेलना पड़ रहा है। ऐसे में अपनी परंपरा से हटकर इस बार सीएम कैंडीडेट की घाषणा करने का फैसला लिया जा रहा है
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Source: India News Centre

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