Innocent Hearts College of Education, Jalandhar celebrated International Youth Day
इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधर: इनोसैंट हाट्र्स कालेज ऑफ एजुकेशन में ‘मानव स्वास्थ्य के लिए युवाओं द्वारा खाद्य प्रणालियों को बदलना’ विषय पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 2021 मनाया गया। आनलाइन पोस्टर मेकिंग व स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ‘इटिंग फॉर प्लेनेट’,‘ शिफ्ट टू मोर सस्टेनेबल डाइट’ तथा ‘युवाओं द्वारा अधिक टिकाऊ खाद्य-प्रणाली बनाने के तरीके’ विषयों पर आनलाइन भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर इन आनलाइन गतिविधियों को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना था। इन गतिविधियों में कई विद्यार्थी-अध्यापकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। आनलाइन भाषण प्रतियोगिता में नर्गिस जैतवानी ने प्रथम पुरस्कार हासिल किया।
उन्होंने समझाया कि बचे हुए भोजन को कंपोस्ट किया जा सकता है ताकि मूल्यवान पोषक तत्व फेंके जाने की बजाय मिट्टी में वापिस आ जाएं। नई प्रकृति-आधारित प्रौद्योगिकियां जैसे कि काली सैनिक मक्खियों के उपयोग से कचरे को कंपोस्ट करके खाद्य और पशुचारा जैसे कई उपयोगी उत्पाद उत्पन्न किए जा सकते हैं।
कृतिका मागो ने आनलाइन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हासिल किया। उसने स्पष्ट किया कि ‘यदि आप वास्तव में एक स्थाई खाद्य प्रणाली का समर्थन करना चाहते हैं, तो अधिक पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों का चयन करें तथा मांस का सेवन कम करें।’
आनलाइन स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में सुरभि शर्मा ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब आप स्थानीय किसानों से भोजन खरीदते हैं, तो आप अपने समुदाय की अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं और प्रकृति पर होने वाले कुप्रभावों को भी कम कर सकते हैं, क्योंकि लंबी दूरी पर भोजन परिवहन करने से बड़ी मात्रा में कार्बन डाइआक्साइड उत्पन्न होती है, जिससे वातावरण दूषित होता है।
प्रिंसीपल डा. अरजिंदर सिंह ने विजेताओं और पूरी टीम को उनके योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि खाने की बर्बादी को कम करना, अपने लिए अन्न खुद उगाना, जैसे विभिन्न तरीकों को लागू करना बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि हम अपनी प्लेटों में जो कुछ भी खाने को डालते हैं, उसका पर्यावरण पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। हम स्थाई खाने की प्रथाओं को विकसित कर सकते हैं, जो हमारे स्वयं के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं और साथ ही घर-परिवार के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं। अपने दैनिक जीवन में बस कुछ मामूली बदलावों के साथ, आप आने वाले दशकों में खाद्य प्रणाली के विकास के तरीके पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।