Mohan Bhagwat and Amit Shah on a state tour of andhra pradesh within a week, what is its political meaning
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में एक बार फिर हलचल है। हलचल की वजह है दो प्रमुख शख्सियतों का एक साथ एक हफ्ते के भीतर प्रदेश का दौरा। एक तरफ जहां संघ प्रमुख मोहन भागवत भोपाल में 16 और 17 अप्रैल को अखिल भारतीय चिंतन बैठक में शामिल हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर 22 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भोपाल के दौरे पर आ रहे हैं। अमित शाह भोपाल में दो सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इनमें से एक पुलिस अकादमी का, जबकि दूसरा तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन राशि देने का है। ये हलचल चुनावी भी मानी जा रही है, क्योंकि बीजेपी इन दिनों मिशन 2023 और 2024 की तैयारियों में तेजी से लगी हुई है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत 15 अप्रैल को ही भोपाल पहुंच गए थे, यहां 16 और 17 अप्रैल दो दिन तक उन्होंने संघ की अखिल भारतीय चिंतन बैठक में हिस्सा लिया। मोहन भागवत के साथ इस बैठक में संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी मौजूद हैं। बैठक भोपाल के प्रशासन अकादमी में चल रही है जिसमें कई विश्वविद्यालयों के कुलपति, इतिहासकार, अर्थशास्त्री और बुद्धिजीवी शामिल हो रहे हैं। बैठक का विषय हिंदुत्व का वैश्विक पुनरुत्थान रखा गया है। माना जा रहा है कि बैठक में भारतीय वैदिक शिक्षा व्यवस्था को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर मंथन किया जा रहा है।
3 घंटे यहां रहेंगे केंद्रीय गृहमंत्री
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी 22 अप्रैल को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दौरे पर आ रहे हैं। वो यहां करीब 3 घंटे तक रहेंगे, सबसे पहले वे कान्हासैया स्थित पुलिस अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। उसके बाद जंबूरी मैदान में आयोजित तेंदूपत्ता संग्राहकों के हितग्राही सम्मेलन में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में करीब एक लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 15 नवंबर को इसी जंबूरी मैदान में आदिवासी गौरव दिवस में शामिल होने आए थे, जिसमें करीब 2 लाख लोगों के जुटने का दावा किया गया था।
विपक्ष ने उठाए सवाल
बीजेपी नेताओं और संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक के बाद एक मध्य प्रदेश दौरे को लेकर सियासत भी हो रही है। विपक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा है कि जब बीजेपी का मध्य प्रदेश संगठन सबसे मजबूत माना जाता है तो फिर पीएम से लेकर गृहमंत्री को बार-बार मध्य प्रदेश आने की जरूरत क्यों पड़ रही है। वहीं, बीजेपी ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पूरे देश के हैं।उनके दौरे मध्य प्रदेश के अलावा दूसरे शहरों में भी होते रहते हैं. विपक्ष को इसमें सियासत नहीं देखना चाहिए.