इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: किसी दिन अचानक ही कोई गाना आपकी जुबान पर चढ़ जाता है और फिर आप उसे गुनगुनाते ही जाते हैं। कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? लंदन के गोल्डस्मिथ कॉलेज की म्यूजिक साइकॉलजी रिसर्चर डॉ. विकी विलियमसन कहती हैं कि इसे स्टक-सॉन्ग सिंड्रोम, स्टिकी म्यूजिक या कॉग्निटिव इच कहते हैं। आम भाषा में इसके लिए एक शब्द है- ईयरवर्म। विलियमसन ने एक रेडियो और ऑनलाइन सर्वे में करीब 2500 लोगों से उनके ईयरवर्म (वह गाना जो दिमाग पर चढ़ा है) के बारे में पूछा। जवाब में सबने लगभग 12-15 गाने लिखे। रिसर्च में यह पाया गया कि जब कोई गाना रिलीज होता है तो अक्सर हर जगह वही गाना सुनाई पड़ता है और हमारे आस-पास के लोग (हम खुद भी) उस गाने पर बात करते हैं। साथ ही वह गाना रेडियो, टीवी और ऑनलाइन भी कई बार सुनाई पड़ता है। ईयरवर्म का एक बड़ा कारण किसी म्यूजिक का बार-बार सुनाई पडऩा है। ईयरवर्म का दूसरा कारण तनाव भी हो सकता है। जब हम कुछ परेशान होते हैं तो उस परिस्थिति के हिसाब से हमारे दिमाग में कोई गाना बार-बार घूमता है। जैसे, अगर हम ब्रेकअप से गुजर रहे हैं तो सारे सैड लव सॉन्ग्स दिमाग में आते हैं। साथ ही ऐसे गानों से हम इमोशनली भी खुद को कनेक्ट कर पाते हैं। ऐसे में वह खास गाना हमारे दिमाग में घूमता रहता है। तंत्रिका विज्ञान के विशेषज्ञ डेनियल लेविटिन बताते हैं कि हमें मौखिक जानकारी ज्यादा आसानी से याद रहती है। संगीत में ताल, तुकबंदी और राग का संगम होने की वजह से हमें गाने जल्दी याद होते हैं। वैसे, अगर आपको ईयरवर्म से छुटकारा पाना है तो दिमाग किसी और काम में लगा सकते हैं, जैसे कोई पजल सॉल्व करें या फिर कोई और दिमागी खेलें।