इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः भारतीय क्षेत्रीय दिशा सूचक उपग्रह आईआरएनएसएस -वन एच के प्रक्षेपण की 29 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो रही है। इसरो के मुताबिक, आईआरएनएसएस-1 ए की एटॉमिक क्लॉक्स बंद पड़ गई है, जो भारतीय स्पेस मिशन में बड़ी समस्या साबित हो सकती है। बता दें कि इससे पहले रशियन ग्लोनास और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रोग्राम में भी यही दिक्कत आई थी। इसीलिए 1425 किग्रा का यह सैटेलाइट आईआरएनएसएस-1 ए की जगह भेजा जा रहा है. मिशन रीडनेस रिव्यू (एमआरआर) कमिटी और लॉन्च अथॉराइजेशन बोर्ड (एलएबी) ने आईआरएनएसएस-1 के काउंटडाउन की अनुमति दी है. बृहस्पतिवार शाम सात बजे प्रक्षेपण के बाद प्रक्षेपण यान - पीएसएलवी सी-39 इस उपग्रह को कक्षा में स्थापित करेगा। इसे आंध्रप्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा।इस प्रक्षेपण से एनएवीआईसी समूह के मौजूदा सात उपग्रहों की संख्या बढ़कर आठ हो जाएगी। इससे पहले आईआरएनएसएस-वनए पर लगे तीन रूबीडियम एटॉमिक क्लॉक ने काम करना बंद कर दिया था। यह उपग्रह दिशा सूचक उपग्रह आईआरएनएसएस-वनए को बैकअप देगा। इसरो के अनुसार 1400 किलोग्राम से अधिक वजन वाले इस उपग्रह के निर्माण व परीक्षण में पहली बार छह छोटे व मझोले उद्योग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।