` कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा पंजाब को सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों के लिए वैश्विक स्तर का आदर्श व्यापारिक स्थान बनाने हेतु अहम सुधारों की शुरुआत

कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा पंजाब को सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों के लिए वैश्विक स्तर का आदर्श व्यापारिक स्थान बनाने हेतु अहम सुधारों की शुरुआत

CAPT AMARINDER LAUNCHES SLEW OF KEY REFORMS TO TRANSFORM PUNJAB INTO GLOBAL LIGHTHOUSE FOR EASE OF DOING BUSINESS FOR MSMEs share via Whatsapp

CAPT AMARINDER LAUNCHES SLEW OF KEY REFORMS TO TRANSFORM PUNJAB INTO GLOBAL LIGHTHOUSE FOR EASE OF DOING BUSINESS FOR MSMEs

कहा, आंकड़ों की प्रमुखता वाले ‘गेम’ सुधारों के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों पर सरकारी नियमों का बोझ और घटेगा

उद्यमियों को निर्विघ्न सुविधाएं देने के लिए नियमों को रैशनेलाईज़ और डिजीटाईज़ किया जाएगा

इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: पंजाब ने गुरूवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों के लिए वैश्विक स्तर का आदर्श स्थान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया, जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कई अहम सुधारों की शुरुआत की जिससे रैशनेलाईज़ेशन, डिजीटाईज़ेशन और वैधीकरण प्रस्तावों को सरकारी नियमों से हटाकर इन उद्योगों (एम.एस.एम.ईज़) से बोझ कम किया जाए। इससे उद्योगपतियों को कोविड-19 महामारी के समय अपनी व्यापारिक गतिविधियों का दायरा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेल की सज़ा ख़त्म करने, लेबर कानूनों को लचीला बनाकर निगरानी घटाने सम्बन्धी सुधार और सेवाएं प्रदान करने में देरी के काम का आंकड़ों के द्वारा मुल्यांकन आदि पहलकदमियां पंजाब में व्यापार करना आसान बनाने के लिए की गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार द्वारा उद्योगपतियों को विकासमुखी गतिविधियों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करने हेतु आदेश की तामील के साथ जुड़े समय, जोखि़म और लागत को घटाने के लिए अपनी सरकार की वचनबद्धता ज़ाहिर की गई। 

 

इन सुधारों को राज्य की सूरत बदलने के सफऱ की शुरुआत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सुधारों से भविष्य में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्धता ज़ाहिर कर दी गई है। इसमें व्यापारिक लाइसेंस (समेत शौप्स एंड एस्टैबलिशमैंट्स एक्ट) को रैशनेलाईज़ करना और ग़ैर-कामगार सम्बन्धी नियमों में 100 कम जोखि़म वाले प्रस्तावों में से जेल की सज़ा सम्बन्धी प्रस्तावों को हटाना है। 

 

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि लेबर रजिस्टरों की संख्या घटाई जाएगी, जिनके अंतर्गत  उद्योगपतियों/उद्यमियों को 60 से लेकर 14 से कम तक कामगार को कायम रखना ज़रूरी है। इसके अलावा महिला मुलाजि़मों की सेवाएं लेने के मामले में नियमों को लचीला बनाया गया है। इंस्पेक्टर की ऐच्छिक शक्तियां, जो कि ग़ैर-हाजिऱी या छुट्टी से संबंधित कटौतियों से जुड़ी हुई थीं, हटाई जा रही हैं। उपरोक्त कटौतियाँ अब आगे बढ़ाए जा रहे लेबर रजिस्टरों से अनुमानित की जाएंगी। इन बदलावों को नए प्रांतीय नियमों में स्थान दिया जाएगा। 

 

इसके अलावा महत्वपूर्ण लाईसेंसों और परमिटों को समय पर जारी करने, जैसे कि ट्रांसपेरैंसी एक्ट 2018 में निर्धारित किया गया है, सरकार द्वारा एक माहवार संख्या मुल्यांकन प्रक्रिया मुख्य सचिव की निगरानी अधीन शुरू की गई है, जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि कोई भी लाइसेंस या पर्मिट निर्धारित समय से देरी से न जारी हो। 

 

आगे बढ़ते हुए यह भी प्रस्ताव किया गया कि कोई भी व्यापारिक गतिविधि शुरू करने के लिए प्री-कमिशनिंग लाईसेंसों और एन.ओ.सीज़. की संख्या कम से कम 20 प्रतिशत तक घटाई जा सके, जिससे सरकार द्वारा सिवाय किसी ठोस बजह के किसी भी उद्यमी को कोई नयी दुकान या फैक्टरी शुरू करने से रोका न जा सके, और इस सारी कार्यवाही को ऑनलाइन चलाने की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है। इससे छूट नए उद्योग शुरू करने के लिए ‘लैंड यूज़’ में बदलाव किए जाएंगे और ऐसी प्रणाली विकसित की जाएगी जिससे बिना किसी रुकावट के पानी, बिजली, सीवरेज कनैक्शन समय पर मिल सकेंगे।

 

उन्होंने आगे कहा, ‘‘यह सुधार तो तरक्की के सफऱ की बस एक शुरुआत हैं और हम उम्मीद करते हैं कि पंजाब को एम.एस.एम.ईज़ के विकास के लिए एक प्रकाश स्थंभ बनाया जाए।’’ उन्होंने आगे बताया, ‘‘ हमने ज़मीनी स्तर पर उद्योगपतियों के विचार सुने हैं और किसी भी औद्योगिक गतिविधि को शुरू करने, चलाने और इसका दायरा बढ़ाने के लिए नियम की पालना का बोझ घटाने की कोशिश हमारे द्वारा की जाती रहेगी।’’

 

पंजाब द्वारा उद्योगपतियों के विकास के लिए सबसे बढिय़ा और उचित वातावरण का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में पंजाब एक ऐसे व्यापार समर्थकीय केंद्र के तौर पर विकसित होगा जिसमें दुनिया के हरेक कोने से उद्योगपति अपनी व्यापारिक गतिविधियां चलाने के लिए आएंगे। इसका सुबूत इसी बात से मिलता है कि मौजूदा सरकार के बीते चार वर्षों के दौरान 80,000 करोड़ रुपए का निवेश राज्य में लाने में सफल हुई है, जिसमें तीन लाख व्यक्तियों को संभावित तौर पर नौकरी देना शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि व्यापार करने के लिए सुखद माहौल प्रदान किए जाने के कारण ही निवेशकार पूरे मुल्क से ही नहीं बल्कि बाहर के देशों से भी पहली बार पंजाब की तरफ खिंचे चले आ रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में फ्रांस, दक्षिणी कोरिया, डेनमार्क, यू.ए.ई., जापान, यू.एस.ए., सिंगापुर, जर्मनी, यू.के. जैसे देशों से भी निवेश सम्बन्धी प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह सुधार, ग्लोबल ऐलायंस फॉर मास एंटरपरीन्योरशिप (गेम) और ओमिदयार नैटवर्क इंडिया के साथ हिस्सेदारी के अंतर्गत पूरे किए जाएंगे और इनका मकसद राज्य में आंकड़ों की मदद से नियमों में बदलाव पर आधारित प्रणाली को प्राथमिकता देना होगा, जिसका मकसद एम.एस.एम.ईज़ को बढ़ावा देना है, जिससे राज्य में व्यापार करने का माहौल और उपयुक्त हो सके। इन सुधारों का सुझाव गेम और ईज़ ऑफ डुईंग बिजऩेस टास्क फोर्स की रिपोर्ट में दिया गया था, जिसका शीर्षक था ‘‘ट्रांसफॉरमिंग ईज़ ऑफ डुईंग बिजऩेस फॉर एम.एस.एम.ईज़. इन पंजाब’’। यह टास्क फोर्स मोंटेक सिंह आहलूवालीया कमेटी, जोकि कोविड के बाद के वातावरण में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित की गई थी, की सिफारिशों पर स्थापित की गई थी। 

 

गेम, ऐसे संगठनों का एक गठजोड़ है, जिनका मकसद देश भर में उद्योग समर्थकीय लहर को बढ़ावा देना है, जिससे मौजूदा और नए उद्योगों के विकास में मदद मिल सके और 30 प्रतिशत से ज़्यादा महिलाओं की मलकीयत वाले इन उद्योगों के द्वारा 50 मिलियन (5 करोड़) नौकरियों का सृजन किया जा सके। ओमिदयार नैटवर्क इंडिया का री-सौल्व उद्यम उन महत्वपूर्ण प्रोजैक्टों की मदद करने पर ध्यान केंद्रित करता है जिनका मकसद एम.एस.एम.ईज़ के अलावा प्रवासी मज़दूरों का सशक्तिकरण है। 

 

इस मौके पर मुख्य सचिव विनी महाजन ने कहा कि आज इस मौके पर गेम, ओमिदयार नैटवर्क इंडिया, त्रायास फाउंडेशन, अवंतिस रैगटैक और सैंटर फॉर सिविल सोसायटी के साथ हिस्सेदारी में एक सही शुरुआत की गई है, जिससे ठोस बदलावों को लागू किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता और आंकड़ों की मदद से व्यापारिक तौर पर आगे बढऩे की सोच ने इस हिस्सेदारी की शुरुआती कामयाबी में अहम रोल निभाया। उन्होंने यह भी बताया कि लाईसेंसों और पर्मिटों में देरी का आंकड़ों की सहायता से माहवार मुल्यांकन किया जाएगा, जिससे उद्यमियों को अपना व्यापार शुरू करने या बढ़ाने में कीमती समय बेकार ना गंवाना पड़े। मुख्य सचिव द्वारा इन सुधारों को आगे बढ़ाने में अहम किरदार अदा करने के लिए निवेश प्रोत्साहन, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के साथ-साथ श्रम विभाग की भी सराहना की। 

 

इस मौके पर अपने विचार साझे करते हुए भारत सरकार के सेवामुक्त (आई.ए.एस.) सचिव डॉ. के.पी. कृष्णन, जोकि गेम ईज़ ऑफ डुईंग बिजऩेस टास्क फोर्स के चेयरपर्सन हैं, ने कहा, ‘‘लॉकडाउन का सबसे अधिक बुरा प्रभाव एम.एस.एम.ईज़. पर पड़ा है और अब समय है कि राज्य इसमें दख़ल दे। टास्क फोर्स की सिफारिशें एम.एस.एम.ईज़. के विकास में रुकावट डालने वाले पुराने नियमों को हटाकर इन एम.एस.एम.ईज़ को भारतीय अर्थव्यवस्था को तरक्की की बुलन्दियों तक ले जाने का साधन बनाएंगी।’’

 

पंजाब में गेम के कामकाज के बारे में रौशनी डालते हुए इस संस्था के संस्थापक रवि वैंकटेशन ने कहा, ‘‘पंजाब ने यह दिखा दिया है कि जब भी राजनैतिक इच्छा-शक्ति और समर्थ प्रशासनिक नेता मौजूद हों तो सरकार, सिविल सोसायटी, निजी क्षेत्र और लघु उद्योग मालिक के लिए यह मुमकिन है कि एकसाथ मिलकर काम किया जाए और निष्कर्ष के तौर पर थोड़े समय में ही डिजीटाईज़ेशन, वैधीकरण प्रस्तावों को सरकारी नियम से हटाकर और प्रक्रिया को आसान बनाकर तरक्की की जा सके।’’

 

ओमिदयार नैटवर्क इंडिया, जोकि एक निवेश फर्म है, की मैनेजिंग डायरैक्टर चांदी कुडवा ने अपने संबोधन में व्यापारिक गतिविधियों के सामाजिक पक्ष की तरफ ध्यान दिलाया।

 

जि़क्रयोग्य है कि पंजाब में तकरीबन 2 लाख से अधिक एम.एस.एम.ईज़ हैं जोकि राज्य के उत्पादन क्षेत्र और उद्योग जगत की रीढ़ की हड्डी हैं, इसलिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने पंजाब में एम.एस.एम.ईज़ को प्रोत्साहित करने पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है और हाल ही के समय के दौरान पंजाब राईट टू बिजऩेस एक्ट 2020 जैसी की गई पहलकदमियों का मकसद न सिफऱ् राज्य में व्यापार करने के माहौल को आसान बनाना है बल्कि एम.एस.एम.ईज़ को अनावश्यक नियमों की समस्या में से निकाल कर इसका काम आसान करना है। 

 जेल की सज़ा ख़त्म करने, लेबर कानूनों को लचीला बनाकर निगरानी घटाने सम्बन्धी सुधार और सेवाएं प्रदान करने में देरी के काम का आंकड़ों के द्वारा मुल्यांकन आदि पहलकदमियां पंजाब में व्यापार करना आसान बनाने के लिए की गई हैं। हम मानते हैं कि इनके साथ ही हुक्म की तामील के साथ जुड़े समय, जोखि़म और लागत को घटाने में मदद मिलेगी और उद्योगपति विकासमुखी पहलकदमियों की तरफ ध्यान देने के लिए आज़ाद हो सकेंगे। 

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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