इंडिया न्यूज सेंटर, देहरादून: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें अगर लागू होती हैं तो उत्तराखंड के करीब दो लाख कर्मचारियों और 1.10 लाख पेंशनरों को इसका लाभ मिलेगा। बेशक कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा लेकिन सरकार पर इसका काफी आर्थिक बोझ पड़ेगा। नए वेतनमान देने की स्थिति में इन सभी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर सालभर में लगभग ढाई सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। इसके अलावा इतनी ही राशि एरियर की होगी। एरियर को तो दो से तीन साल में किश्त के जरिये दिया जा सकता है, मगर वेतन मद में प्रतिमाह पडऩे वाले दो से ढाई सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था मुश्किल में डालने वाली है। चुनावी वर्ष में इसे जल्द से जल्द लागू करने की तैयारी है ताकि हरीश रावत सरकार को इसका लाभ मिल सके। सूत्रों के अनुसार इसकी रूपरेखा बननी शुरू हो गई है।