इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के बगावती तेवर देखते हुए पार्टी उनके खिलाप सख्त कार्रवाई के मुड में दिखाई दे रही है। गुजरात चुनावों में हुई पार्टी की फजीहत ने इसकी पटकथा तैयार कर दी है। वहीं शरद यादव ने भी अब खुलकर मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार की नीतियों के खिलाफ बगावत का रुख अख्तियार कर लिया है। इसके विरोध में ही वह आज से 12 अगस्त के बीच बिहार के सात जिलों में जनसंवाद की मुहिम छेड़ेंगे। इसके अलावा उन्होंने 17 अगस्त को समान विचारधारा वाले दलों की बैठक बुलाने और इसी महीने होने वाली पार्टी कार्यकारिणी की बैठक से खुद को दूर रखने की घोषणा कर अपने भविष्य की राजनीति का साफ संदेश दिया है। गौरतलब है कि पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर वसावा ने कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया था जिससे अहमद के उच्च सदन जाने का रास्ता साफ हुआ।संसद भवन परिसर में मीडिया को जानकारी देते हुए शरद ने कहा कि जदयू नेतृत्व ने गुजरात में वोट डालने के मामले में राज्य इकाई को भरोसे में नहीं लिया। उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाने के फैसले में उन्हें शामिल नहीं करने पर भी नाराजगी जताई। वसावा के बागी तेवर के बाद पार्टी ने राज्य प्रमुख अरुण श्रीवास्तव को बर्खास्त कर दिया था। अरुण और वसावा को शरद का करीबी माना जाता है। गुजरात चुनाव के दौरान दोनों लगातार शरद के संपर्क में थे।