Goodlives.in showing the way to live a stress-free life
Goodlives.in की को-फाऊंडर साक्षी शाह और लौरेंस बमनिया से विशेष बातचीत
रजनीश शर्मा,जालंधरः आज के भौतिकवादी दौर में भारतीय समाज का शायद ही कोई ऐसा वर्ग हो जो तनाव से अछूता हो। स्कूल जाते नन्हे बच्चे हों, चूल्हा चौका संभाल रही गृहणियां हों, युवा वर्ग हो या फिर नौकरी पेशा आदमी। सामाजिक प्रतियोगिता के इस अंधी दौड़ में हर कोई असफलता के डर से खुद को असुरक्षित महसूस करता है। नौकरी , शिक्षा , व्यवसाय आदि के भविष्य को लेकर आदमी इस हद तक चिंता ग्रस्त रहता है, कि तनाव की जंजीरें कब उसे जकड़ लेती हैं उसे पता ही नहीं चलता है। कभी-कभी तो इसकी परिणति मौत के द्वार तक पहुंचा देती है। भारतीय समाज में तनाव अथवा डिप्रैशन इस हद तक आम हो गया है कि लोग इस पर विचार करने में उतनी गंभीरता नहीं दिखाते ,जितनी की होनी चाहिए।
तनाव डिप्रेशन की जंजीरें ना अमीर देखती है ना गरीब
तनाव , डिप्रेशन की जंजीरें ना अमीर देखती है ना गरीब। ना बच्चा देखती हैं और ना बुजुर्ग, । करोड़ों रुपए कमाने वाला एक बहुराष्ट्रीय कंपनी का सी ई ओ इस भय से अवसाद ग्रस्त हो जाता है कि उसकी प्रतियोगी कंपनियां कहीं उससे आगे ना निकल जाए । बिल्कुल ऐसे ही एक गरीब मां बाप अपनी बेटी की शादी और उसके भविष्य को लेकर डिप्रेशन में जकड़ जाते हैं ।
सामान्य चिंता कब गंभीर अवसाद का रूप ले ले आमतौर पर पता ही नहीं चलता है। आने वाले समय में स्वास्थ्य की दृष्टि से भारत के लिए तनाव मुक्त भारत बनाना भावी सरकारों के लिए बड़ी चुनौती होगी। वर्तमान समय में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर तमाम सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं सक्रिय तौर पर काम कर रही हैं। इसी क्रम में आईआईटी खड़गपुर के दो पूर्व छात्रों ने Goodlives.in नाम से एक वेबसाइट प्लेटफार्म बनाया है जो अवसाद से घिरे लोगों को उचित परामर्श देती है।
आज के युवा वर्ग में अपने कैरियर को लेकर जो चिंतायें पनप रहीं है उसमें सकारात्मकता के साथ उन्हें अपने विचारो को सही दिशा मे ले जाने का सही ज़रिया मिले। इसकी जरूरत को आई.आईं.टी.के दो पूर्व छात्र साक्षी शाह और लौरेंस बमनिया ने समझा और इसके लिए इन्होंने Goodlives.in नाम की एक ऑन लाइन वेबसाइट की शुरूआत की हैं। इस वेबसाइट पर लोगों को उनके भविष्य के जरूरत के मुताबिक सही सलाह के लिए विशेषज्ञों के द्वारा ऑन लाइन कॉउंसलिंग करायी जाती हैं।
Goodlives.in की को-फाऊंडर साक्षी शाह और लौरेंस बमनिया विशेष बातचीत में इंडिया न्यूज सेंटर के संपादक रजनीश शर्मा से बताते है है कि इस वेबसाइट का उद्देश्य समाज मे डिप्रेशन और अन्य मानसिक रोगो के प्रति लोगों को जागरूक करना है। यह वेबसाइट म्यूज़िक थैरेपी, योग और आर्ट की थेरपी भी उपलब्ध कराती है। अल्प समय में ही इस वेबसाइट ने लगभग 2 लाख लोगो को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया है ।