` पैदल चलने की थकावट को चीखों ने किया खामोश, सड़क पर बिखरा सामान सुना रहा था मजदूरों की मौत की दास्तां

पैदल चलने की थकावट को चीखों ने किया खामोश, सड़क पर बिखरा सामान सुना रहा था मजदूरों की मौत की दास्तां

Bus hits 6 labourers died in Muzaffarnagar share via Whatsapp

Bus hits 6 labourers died in Muzaffarnagar

नवीन गोयल,मुजफ्फरनगरः
जनपद मुजफ्फरनगर में पंजाब से बिहार लौट रहे 10 मजदूरों को बस ने कुचल दिया, 6 मजदुरों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। हादसे में घायल 4 मजदूर अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। यह तस्वीर हादसे के बाद घटना को बयां कर रही थी। अपने घरों के लिए निकले मजदूरों को क्या पता था कि रास्ते में ही उनको इस दर्दनाक हादसे का शिकार होना पड़ेगा। हादसे में बचे चार लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बिस्किट के पैकेट, पॉलीथिन में पूड़ियां, बिखरी हुई चप्पलें। यह सब घटना की दास्तां बताने के लिए काफी थी कि मजदूर कैसी-कैसी मुसीबत में कितनी लंबी यात्रा पर थे। उनको क्या पता था कि यह यात्रा उनकी अंतिम होगी। एक रोडवेज बस आई और पलभर में छह मजदूरों को मौत की नींद सुला गई। मुजफ्फरनगर में देर रात स्टेट हाइवे पर हुआ हादसा बेहद दर्दनाक था। बिहार में गोपालगंज जिले के निवासी कई मजदूर पंजाब में मजदूरी करते हैं। लॉकडाउन में वहीं फंसे रह गए। वक्त ज्यादा बीता तो पैदल ही सफर करना तय किया और आखिर अपनी मंजिल पर निकल पड़े। लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि रास्ते में मौत उन पर कहर बनकर टूटेगी और उनका सबकुछ समाप्त हो जाएगा। हादसे में घायल हुए मजूदरों ने आपबीती सुनाते हुए बताया- जब पहला लॉकडाउन लगा तो फैक्ट्री मालिक ने हमें कुछ पैसे दिए और खाने पीने का इंतजाम भी किया लेकिन जैसे जैसे लॉकडाउन बढ़ा उसकी हिम्मत जवाब देने लगी। उसने हमें तनख्वाह और खाना देने से मना कर दिया और घर जाने का फरमान सूना दिया। हम भी मजबूर थे जब तक पैसे थे तब तक काम चलाया जब पैसे ख़त्म होने को आये तो हम अपने घरों की ओर निकल लिए...अब देखो कब पहुंचेंगे। कपड़ा, खाने का पैकेट, अचार का डब्बा और आधार कार्ड सड़क किनारे बिखरा पड़ा था वह भूखे थे, सैकड़ो किमी पैदल चलकर आ रहे थे। रात तकरीबन 11.45 बजे 12 बजे के बीच सहारनपुर से मुजफ्फरनगर की ओर बढ़ रहे थे। सामने ही लगभग 1 किमी की दूरी पर टोल प्लाजा दिखाई पड़ रहा था। लेकिन तभी सहारनपुर की ओर से आ रही खाली रोडवेज सड़क पर मदमस्त होकर चली आ रही थी और किनारे चल रहे मजबूर मजदूरों को रौंदते हुए निकल गयी। चीख पुकार मच गयी। मौके पर पहुंची पुलिस के मुताबिक 2 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि 4 लोग अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिए जबकि 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद सड़क किनारे कुछ कपड़े, चप्पल, कम्बल, खाने का एक दो पैकेट, अचार का डब्बा और पहचान के लिए फोटोस्टेट आधार कार्ड पड़ा हुआ दिखाई दिया। यह सामान उन मजदूरों की हालत बयान करने के लिए काफी है। मृतकों में बाप बेटे भी हैं। जिनमे पिता का नाम हरेश है तो पुत्र का नाम विकास है। दोनों ही पंजाब में नौकरी करते थे।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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