Bhagwant Mann writes to Captain Amarinder Singh, demanded to cut power tariff
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान व संगरूर से सांसद भगवंत मान ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि वह 2017 के विधान सभा चुनाव से पहले पंजाबियों के साथ किए वायदों को पूरा करें। चंडीगढ़ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मान ने कहा कि राज्य में बिजली की उच्च दर के कारण हर वर्ग के लोग बेहद परेशान हैं। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में मान ने कहा की 2017 के विधान सभा चुनाव से पहले कैप्टन और आपकी कांग्रेस पार्टी ने राज्य की जनता के साथ किसानों-खेत मजदूरों का कर्ज संपूर्ण रूप में माफ करने, घर-घर सरकारी नौकरी देने, युवाओं को स्मार्ट फोन वितरित करने, बुजुर्गों-अपंगों और विधवा पैंशन 2500 रुपए प्रति माह करने और आसमान छू रही महंगाई से निजात दिलाने समेत अनेक वायदे किए थे। कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र, किसानों/बेरोजगारों से भरवाए गए फार्म और आपके (कैप्टन अमरिंदर सिंह) समेत कांग्रेस नेताओं के भाषण/वीडियो क्लिप्स उनके वायदों और दावों को सबूत के तौर पर आज भी लोगों ने संभाला हुआ है। जिससे कैप्टन और कांग्रेस पार्टी पलट नहीं सकती। कैप्टन द्वारा चुनाव से पहले किए वायदों को याद दिलवाते मान ने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार को बने करीब 2 वर्ष हो चुके हैं। कैप्टन ने अपना एक भी वायदा पूरा नहीं किया। ओर तो ओर सरकार ने वह भी नहीं किया जो तुरंत कर सकती थी। बतौर मुख्यमंत्री आपकी नीयत साफ होती तो कैप्टन पंजाब के लोगों को महंगाई से काफी हद तक राहत दे सकते थे। अतिरिक्त टैक्स/सैस के कारण डीजल-पेट्रोल की तरह आज बिजली भी पूरे देश की तुलना में पंजाब में महंगी दरों पर मिल रही है। पिछले 2 वर्षों के दौरान 4 बार बिजली की दरें बढ़ा दी गई हैं और आने वाले दिनों में दरें फिर से बढ़ाने की तैयारी है, जबकि बिजली गरीब से गरीब घर की जरूरत है। यदि कैप्टन खुद गरीबों, दलितों और आम लोगों के प्रति सहृदय और अपनी 'कथनी और करनी' के पक्के होते तो सत्ता संभालते ही सरकारी थर्मल प्लांट बंद करने की बजाए पिछली बादल सरकार की तरफ से बेहद महंगी दरों पर निजी बिजली कंपनियों के साथ किए इकरारनामे रद्द कर नए सिरे से सस्ते और वाजिब समझौते करते। निजी बिजली कंपनियों के साथ सुखबीर सिंह बादल की मिलीभुगत और अरबों रुपए का घोटाला जनतक करते, परंतु कैप्टन ने ऐसे नहीं किया, उल्टा गरीबों का गला दबाया। मान ने कहा कि, हैरानी इस बात की है कि पंजाब सरकार के पास बिजली पैदा करने के अपने बड़े साधन स्रोत हैं, फिर भी बिजली के मूल्य देश के करीब सभी राज्यों की अपेक्षा पंजाब में अधिक औसतन 10 रुपए यूनिट हैं। दूसरी तरफ दिल्ली सरकार के पास बिजली पैदा करने हेतु अपना कोई साधन-स्रोत नहीं है और दिल्ली की केजरीवाल सरकार निजी कंपनियों से बिजली खरीद कर दिल्ली निवासियों को मुहैया करवाती है, फिर भी देश के सभी राज्यों की अपेक्षा दिल्ली में बिजली दरें कम हैं। दिल्ली सरकार गरीबों को तो प्रति एक रुपए यूनिट दे रही है।