इंडिया न्यूज, लखनऊः यूपी में स्पष्ट बहुमत बनाने के बाद अब भाजपा सीएम के बाद मंत्रियों की तलाश में जुट चुकी है। आलाकमान भी इस मुद्दे पर विचार विमर्श करने में जुटी है कि जनता से मिले इतने शानदार बहुमत के साथ सरकार बनाने में किन-किन क्षेत्रों को तरजीह दी जाए। जानकारी के मुताबिक, मंत्रिमंडल में 60 मंत्रियों को शामिल किया जाना है. सालों से वनवास भुगत रही भाजपा के कई बड़े दिग्गज नेताओं ने इस बार चुनाव जीतें हैं। इस बार जीतने वालों में दिग्गज नेताओं की संख्या बहुत ज्यादा हो गयी है। ऐसे में आलाकमान की जिम्मेदारी है कि वो सबको साथ लेकर आगे बढ़े। लेकिन इतनी भीड़ में नेताओं का चयन करना भी एक बड़ी चुनौती से कम नहीं। इतना ही नहीं भाजपा की मुश्किलें वो दिग्गज नेता भी बढ़ा रहें हैं जो दल बदलकर भाजपा में शामिल हुए हैं, उन्हें भी खुश रखना है. वैसे भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर और प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि जो भाजपा के टिकट पर जीत गया वह हमारी पार्टी का है। इन्हें मिल सकती है लालबत्तीः भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में सुरेश खन्ना, राधा मोहन दास अग्रवाल, हृदय नारायण दीक्षित, सतीश महाना, जयप्रताप सिंह, पंकज सिंह, सिद्धार्थनाथ सिंह, सूर्य प्रताप शाही, जगन प्रसाद गर्ग, धर्मपाल सिंह, राजेन्द्र सिंह उर्फ मोती सिंह, उपेन्द्र तिवारी, दल बहादुर, सत्यप्रकाश अग्रवाल, कृष्णा पासवान, राजेश अग्रवाल, श्रीराम सोनकर, वीरेन्द्र सिंह सिरोही, रमापति शास्त्री, अक्षयवर लाल जैसे कई लोगों को अलग-अलग समीकरण की वजह से मौका मिल सकता है।