इंडिया न्यूज सेंटर, लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कमल का फूल महक गया है और पीएम मोदी ने सभी को धूल चटा दी है। साथ ही मोदी ने यूपी में भाजपा को जीत दिलवा चुनावी ट्रेंड ही बदल दिया है। लोकसभा चुनाव 2014 के बाद देश की राजनीति का चुनावी ट्रेंड बदलते नजर आ रहे हैं। या यूं कहें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने ही चुनावी ट्रेंड को बदल दिया। पहले जहां विधानसभा चुनावों में भंग असेंबली का ट्रेंड चलता था, 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद ये पैटर्न ही बदल गया। पिछले लोकसभा चुनाव के बाद एक भी राज्य में भंग असेंबली वाली जनमत जनता ने नहीं दिया। बिहार में साल 2005 में भंग असेंबली के कारण एक ही वर्ष में दो बार चुनाव कराए गए। झारखंड की स्थापना वर्ष 2000 में हुआ था और 2014 से पहले 10वीं बार मुख्यमंत्री बदले गए। दिल्ली में भी पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के कारण साल 2013 के बाद 2015 में विधानसभा चुनाव कराए गए। 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सभी को क्लीन स्वीप करते हुए 70 सीटों में 67 सीटों पर जीत दर्ज कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।
उत्तर प्रदेश में ही साल 1991 के बाद और 2007 से पहले पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनी। हालांकि, 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश का सिलसिला टूटा और बसपा 206 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ सत्तासीन हुई। 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने सपा के सिर पूर्ण बहुमत की सरकार का ताज सजाया।
पिछले लोकसभा चुनाव के बाद यानि 2014 के बाद 16 राज्यों में चुनाव हुए। एक भी राज्य का परिणाम ऐसा नहीं रहा जिससे की सरकार बनाने में दिक्कतें हुई हो। अब जनता जिसे भी वोट देती है, दिल खोलकर। 16 राज्यों के चुनाव में से 10 राज्यों में बीजेपी या एनडीए गठबंधन की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है।