` स्कूल बस हादसा -नूरपुर अस्पताल में परिजनों की चीख पुकार से दहल उठा

स्कूल बस हादसा -नूरपुर अस्पताल में परिजनों की चीख पुकार से दहल उठा

Nurpur: School Bus Incident, In the Hospital the family cried share via Whatsapp

Nurpur: School Bus Incident, In the Hospital the family cried


घायल बच्चे ने पहाड़ी पर चढ़कर दी सूचना, फिर शुरू हुआ बचाव कार्य

इंडिया न्यूज सेंटर,कांगड़ाः
मलकवाल-ठेहड़ मार्ग पर चेली में हुए दर्दनाक सड़क हादसे के बाद हर तरफ  चीखो-पुकार मची हुई थी, वहीं इस बस हादसे में मौत को धोखा देते हुए 10 वर्षीय रणवीर सिंह घायल होते हुए भी पहाड़ी पर चढ़ कर सड़क पर पहुंचा और घटना की सूचना स्थानीय लोगों को दी और इसके बाद ही राहत व बचाव कार्य शुरू हो सका।

परिजनों की चीखो से गूंज रहा था नूरपुर अस्पताल
बस हादसे ने नूरपुर क्षेत्र के हर दिल को झकझोर कर रख दिया। बस हादसे का घटना स्थल और नूरपुर अस्पताल परिसर मृतक बच्चों के परिजनों की चीखो-पुकार से गूंज उठा। क्षेत्र में चारों तरफ  मातम का माहौल छा गया। 3.15 बजे हुए इस हादसे के बाद एक-एक करके जब गाडिय़ों में भरकर बच्चों को लाया गया तो चेली क्षेत्र से अस्पताल तक खून ही खून था। घटना स्थल तथा अस्पताल परिसर में अपने-अपने बच्चों की सलामती की दुआ करते परिजन उस समय सिहर उठते थे, जब उनके सामने उनके बच्चों को चिकित्सक मृतक घोषित कर रहे थे। बच्चों के शव सिविल अस्पताल नूरपुर के शवगृह में रखे गए हैं और मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।

दुर्घटना स्थल से 20 मीटर दूरी पर उतरना था 4 बच्चों ने
नूरपुर के चेली में हुए बस हादसे में 4 ऐसे मासूम भी थे, जिन्होंने मात्र 20 मीटर ही आगे उतरना था और उनके परिजन उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे। घटना स्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों की मानें तो जैसे ही बस नीचे गिरी, उक्त 20 मीटर की दूरी पर खड़े परिजन घटना स्थल पर पहुंचे और चिल्लाने लगे कि कोई उनके बच्चों को बचाए। इस बस हादसे में एक महिला भी मौत का शिकार हुई है, जो लिफ्ट लेकर बस में सफर कर रही थी।

बस चालक था पूर्व सैनिक
जानकारी अनुसार बस चालक पूर्व सैनिक था तथा पिछले 12 साल से उसी स्कूल की बस चला रहा था। स्कूल के मालिक दलजीत पठानिया से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनको कुछ पता नहीं चला कि यह क्या हो गया। उन्होंने कहा कि फिलहाल वह इस समय कुछ कहने की स्थिति में नही है।

स्कूल बसों में लगता है स्पीड गवर्नर
आ.टी.ओ. की मानें तो जिला कांगड़ा में जब भी स्कूल बसों की पासिंग होती है तो बस में स्पीड गवर्निंग यंत्र का होना अनिवार्य रखा गया है। स्पीड गवर्निंग यंत्र के चलते स्कूली बसों की अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है तथा इस यंत्र को लगाने से गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा के आगे नहीं जा सकती है। आर.टी.ओ. की मानें तो यह यंत्र इसलिए स्थापित किया जाता है ताकि नौनिहालों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ न हो। नूरपुर में हुए इस हादसे की भी जांच की जाएगी कि बस में स्पीड गवर्निंग सिस्टम सही था या गलत और बस कितने स्पीड में चल रही थी। वहीं स्कूल बसों में यह प्रावधान भी उनकी सुरक्षा के मध्य रखा गया है कि 12 साल के नीचे के बच्चों के लिए एक बच्चे पर डेढ़ सीट का प्रावधान है और 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए एक सीट पूरी ही मानी जाएगी।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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