Innocent Hearts College of Education, Jalandhar celebrated International Dayof Endurance
इंडिया न्यूज, सेंटर,जालंधर: आज इनोसेंट हाट्र्स कालेज ऑफ एजुकेशन, जालंधर के विद्यार्थी-अध्यापकों ने यूनेस्को द्वारा दिए गए थीम पर ‘अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस’ मनाया जिसका उद्देश्य यह बताना था कि सहिष्णुता विश्व संस्कृतियों की विविधता की सराहना, हमारे भावाभिव्यक्ति के रूप और इंसान होने के तरीकों की स्वीकृति है। इस अवसर पर भावी-अध्यापक कोमल वर्मा, कनिका राणा, परमजीत कौर, तनु अरोड़ा, हरलीन कौर, मोनिका व चंद्रकला द्वारा एक नाटक प्रस्तुत कर संदेश दिया गया कि एक अच्छा अध्यापक बनने के लिए सहिष्णु होना अति आवश्यक है। के. बी. घोष के विचारानुसार प्रतिभा, करुणा, धैर्य के बिना शिक्षण स्केट्स पर एक ऑक्टोपस की तरह है, जिसमें बिना दिशा के आंदोलन होगा। कक्षा की स्थितियों के विभिन्न परिदृश्यों का उल्लेख करते हुए विद्यार्थी-अध्यापकों ने विलियम बॉर्कले द्वारा उद्धत कथन का अनुसरण किया कि धैर्य केवल एक कठिन वस्तु को सहन करने की क्षमता नहीं है, बल्कि उसे महिमा में बदलने की क्षमता है। प्राचार्य डा. अरजिंदर सिंह ने टीम वर्क की प्रशंसा की और विद्यार्थी-अध्यापकों को समझाया कि सहिष्णुता अधिक व्यापाक रूप से सोचने और आंतरिक शांति का आनंद लेने की अनुमति देकर बाधाओं को दूर करती है। सहिष्णुता एक ऐसा अद्भुत उपकरण है, जो कक्षा के वातावरण को लोकतांत्रिक और जीवंत बनाने में सहायता कर सकता है, जिसमें सभी एक साथ सौहार्दपूर्वक और शांति से योगदान दे सकते हैं।