इंडिया न्यूज सेंटर,शिमलाः गुड़िया रेप हत्याकांड से जुड़े आरोपी सूरज की लॉकअप में हुई हत्या के मामले में सीबीआई ने एसपी डीडब्ल्यू नेगी को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने रेलवे बोर्ड भवन स्थित अपनी शिमला शाखा में एसपी डीडब्ल्यू नेगी से लंबी पूछताछ के बाद वीरवार दोपहर के वक्त कार्रवाई को अंजाम दिया है। सीबीआई के मुताबिक डीडब्ल्यू नेगी पर लॉकअप हत्याकांड में फर्जी मामला दर्ज करवाने में शामिल होने का आरोप है। डीडब्ल्यू नेगी उस वक्त शिमला जिला के एसपी थे जब गुड़िया प्रकरण हुआ था। वर्तमान में वह विजिलेंस ब्यूरो में विशेष जांच इकाई के पुलिस अधीक्षक हैं।
गौर हो कि इसी प्रकरण में निलंबित आईजी जहूर एच जैदी, डीएसपी मनोज जोशी समेत आठ पुलिसवाले पहले से ही न्यायिक हिरासत में कंडा जेल में हैं। सीबीआई पिछले कुछ वक्त से इस प्रकरण पर एसपी डीडब्ल्यू नेगी से लगातार पूछताछ कर रही थी। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए खाका पहले से ही तैयार कर लिया था। कुछ तथ्यों के पुष्ट होने के बाद ही सीबीआई ने वीरवार को नेगी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार करने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
क्या था मामला--
दसवीं कक्षा की छात्रा गुड़िया चार जुलाई को स्कूल से घर निकली मगर वह छह जुलाई तक लापता रही। छह जुलाई की सुबह दांदी जंगल में हलाइला गांव के पास उसकी लाश मिली। इसके बाद पुलिस ने रेप और हत्या का मामला दर्ज किया। छह आरोपियों को गिरफ्तार कर ये दावा किया गया कि इस प्रकरण को सुलझा लिया गया है। बाद में कोटखाई थाने के लॉकअप में इन्हीं में से एक आरोपी सूरज की हत्या हो गई। पुलिस ने कत्ल का आरोप गुड़िया मामले के दूसरे आरोपी राजू पर लगाया। पुलिस जांच पर शक जताते हुए पब्लिक सड़कों पर उतर आई। कोटखाई थाने को फूंक डाला। बाद में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए। सीबीआई गुड़िया रेप हत्याकांड और लॉकअप मामले की दोहरी जांच कर रही है। लॉकअप हत्याकांड का चालान भी लगभग तैयार है। इसे कोर्ट में पेश करने से पहले ये गिरफ्तारी की गई है।
वॉयस सैंपल लेने के मामले की सुनवाई आज
सीबीआई टीम के एसपी एसएस गुरुम, डीएसपी सीमा पाहूजा, एएसपी आरके सेठी
गुड़िया रेप हत्याकांड मामले में पुलिस वालों के वॉयस सैंपल लेने के लिए सीबीआई द्वारा कोर्ट में दी गई अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। सीबीआई ने आईजी, डीएसपी समेत आठों पुलिसवालों की आवाज के नमूने मांगे हैं। सीबीआई की अर्जी पर बुधवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिमला रणजीत सिंह की अदालत ने बहस के लिए 17 नवंबर की तिथि तय की है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई के पास गुड़िया रेप मामले और इसी से संबंधित लॉकअप हत्याकांड में इलेक्ट्रॉनिक सुबूत हैं। इन्हें पुलिस अधिकारियों, कर्मियों के मोबाइल फोनों के अलावा कंप्यूटर हार्ड डिस् से निकाला गया है। इनमें पाई गई आवाज की पुष्टि के लिए ये वॉयस सैंपल लिए जाने हैं।