` 10.09 करोड़ किसानों को पीएम-किसान में 20946 करोड़ रू. व एफपीओ सदस्यों को 14 करोड़ रू. इक्विटी ग्रांट प्रदान

10.09 करोड़ किसानों को पीएम-किसान में 20946 करोड़ रू. व एफपीओ सदस्यों को 14 करोड़ रू. इक्विटी ग्रांट प्रदान

Equity grant of Rs 20946 crore to 10.09 crore farmers in PM-Kisan and 14 crores to FPO members share via Whatsapp

Equity grant of Rs 20946 crore to 10.09 crore farmers in PM-Kisan and 14 crores to FPO members


एफपीओ के रूप में छोटे किसानों के पास बड़ी शक्तियांः प्रधानमंत्री 


हर भारतीय की शक्ति सामूहिक रूप में परिवर्तित होकर देश के विकास को नई गति और नई ऊर्जा दे रही हैः  मोदी


प्रधानमंत्री द्वारा सृजित योजनाएं किसानों का जीवन स्तर बदलेगीः  तोमर


इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) स्कीम के तहत देश के 10.09 करोड़ किसान भाइयों-बहनों को 20,946 करोड़ रुपए 10वीं किस्त जारी की, साथ ही किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के सदस्य 1,24486 किसानों को 14 करोड़ रु. से ज्यादा की इक्विटी ग्रांट प्रदान की गई। आज की राशि को मिलाकर पीएम-किसान स्कीम में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किसानों के बैंक खातों में लगभग 1.82 लाख करोड़ रु. दिए जा चुके हैं। 

 

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे किसानों के बढ़ते हुए सामर्थ्य को संगठित रूप देने में हमारे एफपीओ की बड़ी भूमिका है। जो छोटा किसान पहले अलग-थलग रहता था, उसके पास अब  एफपीओ के रूप में पांच बड़ी शक्तियां हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसान हित में पीएम किसान, एक लाख करोड़ रु. के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड सहित अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं का सृजन किया है, जो किसानों का जीवन स्तर बदलते हुए इनकी प्रगति में मील का पत्थर साबित होगी।

 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि एफपीओ के रूप में किसानों के पास पहली शक्ति है- बेहतर बार्गेनिंग यानी मोलभाव की शक्ति, दूसरी शक्ति किसानों को मिली है बड़े स्तर पर व्यापार की। एफपीओ के रूप में किसान संगठित होकर काम करते हैं, लिहाजा उनके लिए संभावनाएं भी बड़ी होती हैं। तीसरी ताकत है- इनोवेशन की। एक साथ कई किसान मिलते हैं तो उनके अनुभव साथ में जुड़ते हैं, जानकारी बढ़ती है। नए-नए इनोवेशन्स के लिए रास्ता खुलता है। 

 

एफपीओ में चौथी शक्ति है- रिस्क मैनेजमेंट की। एक साथ मिलकर आप चुनौतियों का बेहतर आकलन भी कर सकते हैं, उससे निपटने के रास्ते भी बना सकते हैं। और पांचवीं शक्ति है- बाज़ार के हिसाब से बदलने की क्षमता। श्री मोदी ने कहा कि हमारी धरती को बंजर होने के बचाने का एक बड़ा तरीका है- केमिकल मुक्त खेती, इसलिए बीते वर्ष में देश ने एक और दूरदर्शी प्रयास शुरू किया है। ये प्रयास है- प्राकृतिक खेती का। देश के किसान का विश्वास देश की सबसे बड़ी ताकत है।

 

मोदी ने कहा कि आज जब हम नव वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तब बीते साल के अपने प्रयासों से प्रेरणा लेकर हमें नए संकल्पों की तरफ बढ़ना है। इस साल हम अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेंगे। ये समय देश के संकल्पों की एक नई जीवंत यात्रा शुरू करने का है, नए हौसले से आगे बढ़ने का है। कितने ही लोग देश के लिए अपना जीवन खपा रहे हैं, देश को बना रहे हैं। ये काम पहले भी करते थे, लेकिन इन्हें पहचान देने का काम अभी हुआ है। हर भारतीय की शक्ति आज सामूहिक रूप में परिवर्तित होकर देश के विकास को नई गति और नई ऊर्जा दे रही है। 

 

उन्होंने कहा कि आज हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर 8% से भी ज्यादा है। भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आया है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। जीएसटी कलेक्शन में भी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हुए हैं। निर्यात और विशेषकर कृषि के मामले में भी हमने नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। 

 

वर्ष 2021 में भारत ने करीब 70 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन सिर्फ यूपीआई से किया है। आज भारत में 50 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स काम कर रहे हैं। इनमें से 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स तो पिछले 6 महीने में बने हैं। 2021 में भारत ने अपने सैनिक स्कूलों को बेटियों के लिए खोल दिया। 2021 में भारत ने नेशनल डिफेंस एकेडमी के द्वार भी महिलाओं के लिए खोल दिए हैं। 2021 में भारत ने बेटियों की शादी की उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 साल यानि बेटों के बराबर करने का भी प्रयास शुरू किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्लाइमेट चेंज के खिलाफ विश्व का नेतृत्व करते हुए भारत ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन एमिशन का भी लक्ष्य दुनिया के सामने रखा है। आज भारत हाइड्रोजन मिशन पर काम कर रहा है, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में लीड ले रहा है। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की गति को नई धार देने वाला है। मेक इन इंडिया को नए आयाम देते हुए देश ने चिप निर्माण, सेमीकंडक्टर जैसे नए सेक्टर के लिए महत्वकांक्षी योजनाएं लागू की है। ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ राष्ट्र के लिए निरंतर प्रयास, आज हर भारतीय का मनोभाव बन रहा है। इसलिए ही हमारे प्रयासों में एकजुटता है, संकल्पों में सिद्धि की अधीरता है, हमारी नीतियों में निरंतरता है, निर्णयों में दूरदर्शिता है।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने  प्रधानमंत्री को हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा कि कृषि संबंधी जब भी कोई विषय होता है तो वे बहुत ही सह्रदय होकर महत्व प्रदान करते हैं व करोड़ों किसानों को अनुग्रहित करते हैं। श्री तोमर ने कहा कि श्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में तेरह साल तक सफलतापूर्वक काम किया है, वहां उन्होंने सूखा तथा पेयजल व सिंचाई संकट की दुरावस्था में काम करते हुए राज्य की गरीबी व किसानों की पीड़ा को बहुत ही नजदीक से देखा और अपने दूरगामी दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप परिश्रमपूर्वक भगीरथ बनकर गुजरात में गांव-गांव में राहत पहुंचाने का काम उनके नेतृत्व में हुआ है। 

 

तोमर ने कहा कि राज्य सरकारों को केंद्र सरकार के साथ काम करने में किस प्रकार की कठिनाई होती है, इसका अनुभव भी  मोदी को बखूबी है, इसलिए जब उन्होंने प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला तो कृषि व गांवों के विकास, गरीबी दूर करने आदि के लिए उस मुताबिक योजनाओं का सृजन किया। इन योजनाओं के माध्यम से गत सात वर्ष से भारतवर्ष के किसानों को सुविधाएं प्रदान की जा रही है, जिससे निश्चित रूप से उनके जीवन स्तर में बदलाव आ रहा है। देशभर में किसान या किसान संगठनों द्वारा मांग किए बिना प्रधानमंत्री जी किसान सम्मान निधि योजना लाएं, जिसके माध्यम से पर्याप्त मात्रा में बजट प्रावधान कर किसानों को आय सहायता प्रदान की जा रही है और किसान देश के नवनिर्माण में आत्मनिर्भर भारत में योगदान दे सकेंगे।

 

केंद्रीय मंत्री  तोमर ने कहा कि देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, इनका योगदान जरूरी है, जिसके लिए इन्हें संगठित करने हेतु 6865 करोड़ रू. के खर्च से दस हजार नए एफपीओ बनाए जा रहे हैं। गत 16 दिसंबर को आणंद (गुजरात) में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से करोड़ों किसानों के बीच प्रधानमंत्री जी ने प्राकृतिक खेती पर बल दिया है। किसान व राज्य सरकारें इस दिशा में प्रवृत्त हो रहे हैं और प्राकृतिक खेती का यह एक आंदोलन बनेगा, जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, उत्पादकता बढ़ेगी व खेती में लागत कम आएगी। 

 

कार्यक्रम में उ.प्र. के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री, उप राज्यपाल, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री  कैलाश चौधरी व सुश्री शोभा करंदलाजे, सांसद-विधायकगण तथा अन्य जनप्रतिनिधि और केंद्र व राज्यों के अधिकारी उपस्थित थे। करोड़ों किसान भाई-बहन आनलाइन व कृषि विज्ञान केंद्रों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों आदि जगह से जुड़े थे। संचालन कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने किया। प्रारंभ में प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु व गुजरात के एफपीओ के सदस्यों से संवाद किया।

 

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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